हिंदुओं की आस्था है कि अयोध्या में जन्मे थे श्रीराम

0

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले की सुनवाई कर रहे उच्चतम न्यायालय में छठे दिन बुधवार को रामलला विराजमान के वकील ने कहा कि हिंदुओं का विश्वास है कि अयोध्या भगवान राम का जन्म स्थान है और न्यायालय को इसके तर्कसंगत होने की जांच के लिये इसके आगे नहीं जाना चाहिए। वकील ने कहा कि यह हिंदुओं की आस्था है कि भगवान राम का जन्म विवादित ढांचे वाले स्थान पर हुआ था।

‘राम लला विराजमान’ की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ से कहा कि ‘पुराणों’ के अनुसार हिंदुओं का यह विश्वास है कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था। न्यायालय को यह नहीं देखना चाहिए कि यह कितना तर्कसंगत है। पीठ में न्यायमूर्ति एसए बोबडे, न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं।

वैद्यनाथन ने अयोध्या प्रकरण की सुनवाई में छठे दिन बहस शुरू करते हुये साल 1608-1611 के दौरान भारत आए अंग्रेज व्यापारी विलियम फिंच के यात्रा वृतांत का उल्लेख किया जिसमें दर्ज किया गया था कि अयोध्या में एक किला या महल था जहां, हिंदुओं का विश्वास है कि भगवान राम का जन्म हुआ था। उन्होंने कहा, ‘यह लोगों का विश्वास है कि यही वह स्थान है जहां भगवान राम का जन्म हुआ था। इसे हमेशा से ही उनका जन्म स्थान माना गया है।

वैद्यनाथन ने कहा कि फिंच का यात्रा वृत्तांत ‘अर्ली ट्रैवेल्स टू इंडिया’ पुस्तक में प्रकाशित हुआ। इसमें इस बात का उल्लेख है कि हिंदुओं का बहुत पहले से यही मानना है कि अयोध्या ही भगवान राम का जन्मस्थान है। वरिष्ठ अधिवक्ता ने इस बात पर लोगों की आस्था को लेकर जोर देते हुये अपनी दलीलों के समर्थन में ब्रिटिश सर्वेक्षक मोंटगोमेरी मार्टिन और मिशनरी जोसेफ टाइफेंथर सहित अन्य के यात्रा वृत्तांतों का भी जिक्र किया।

About Author

Leave a Reply

Discover more from Sangyan News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading