फर्जी असलहा लाइसेंस बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़, एक गिरफ्तार

गोरखपुर (जयप्रकाश यादव)
संज्ञान न्यूज गोरखपुर
गोरखपुर। शहर में फर्जी पासपोर्ट के बाद अब फर्जी असलहा लाइसेंस बनाने का मामला प्रकाश में आया है। फर्जी लाइसेंस का मामला सामने आते ही पुलिस और प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में एक जालसाज तनवीर खान को डीएम के निर्देश पर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और थाने पर घंटों पूछताछ की। पुलिस ने उसके पास से फर्जी लाइसेंस पर ही खरीदे गए पिस्टल को भी जब्त कर लिया है। पूछताछ के बाद पुलिस ने जालसाजी और आर्म्स एक्ट में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। फिलहाल पुलिस को फर्जी लाइसेंस रखने वाले राप्तीनगर के विकास तिवारी, शिवम मिश्रा, फर्जी लाइसेंस बनाने वाले दलाल गोपी और इस पूरे खेल में शामिल एक गन हाउस के प्रोपराइटर की तलाश है। सूत्रों के मुताबिक गोपी ने अपने घर ही फर्जी लाइसेंस बनाने का सारा साजो सामान रखा हुआ था। लाइसेंस की किताब, मजिस्ट्रेट की मुहर, विभिन्न रंग के पेन, और खूब सारी फाइलें। शातिर अपने इस जालसाजी के खेल में उन लोगों को फांसता था जो लोग लाइसेंस के लिए आवेदन कर चुके हैं और इसके लिए काफी परेशान हैं। उसके कुछ गुर्गे कलेक्ट्रेट दफ्तर पर हमेशा निगाह बनाए रखते थे। यहीं से जरूरतमंद को फांसकर डीलिंग करते थे। मिली जानकारी के हिसाब से एक लाइसेंस के लिए जालसाज 1.5 लाख रुपये लेता था। फर्जी लाइसेंस के खेल में सबसे पहला नाम तनवीर खान का आया। उसने फर्जी लाइसेंस पर असलहा भी खरीद लिया था। पुलिस ने असलहा बरामद कर लिया है। ऐसे पकड़ में आया फर्जीवाड़ाजिलाधिकारी के. वियजेन्द्र पाण्डियन ने बताया कि किसी के द्वारा फर्जी लाइसेंस की फोटो व्हाट्सएप पर डाल दी गई थी। संदेह होने पर उसकी जांच कराई गई तो पता चला कि उस पर जो यूआईडी दर्ज है वह असलहा रिकार्ड में दर्ज ही नहीं है। फिलहाल तीन लोगों के नाम सामने आए हैं जिनके नाम से फर्जी लाइसेंस जारी हुए हैं। हालांकि इनकी संख्या ज्यादा होने का अनुमान है। चुनाव में जमा कराया था असलहातनवीर खान ने पुलिस को बताया कि उसने बीते चुनाव में अपना यह असलहा एक लाइसेंसी गन की दुकान पर जमा भी कराया था। फर्जी लाइसेंस पर ही असलहा जमा हो गया था। तब किसी ने न तो जांच पड़ताल की थी और न ही उससे पूछताछ हुई थी। शासन तक पहुंचा मामला सूत्रों के अनुसार फर्जी असलहा लाइसेंस का मामला शासन तक पहुंच चुका है। सूत्र बताते हैं इसकी जानकारी सीएम तक को हो चुकी है। सभी लाइसेंसों की होगी जांच, कमेटी गठितडीएम ने गोरखपुर से जारी सभी लाइसेंसों की जांच करने का निर्णय लिया है। इसके लिए जांच कमेटी गठित कर दी गई है। डीएम ने बताया कि सभी लाइसेंसों की जांच होगी। इसके साथ ही दलाल गोपी को पकड़ने के बाद उसके नेटवर्क को भी खंगाला जाएगा कि उसने कहां-कहां और किस-किस को फर्जी लाइसेंस बनाकर दिया है। 30 जुलाई को सामने आया था फर्जी पासपोर्ट का मामला बीते 30 जुलाई को डीएम के आदेश पर शाहपुर पुलिस में पासपोर्ट कार्यालय पर चार दुकानों पर छापामार कर फर्जी पासपोर्ट का भंडाफोड़ किया था। छापेमारी में फर्जी मार्कशाीट, फर्जी आधारकार्ड समेत एसओ और मजिस्ट्रेट के मुहर भी बरामद हुए थे। जो लाइसेंस ह्वाट्सएप पर आया वह 2010 में जारी हुआजिस फर्जी लाइसेंस से पूरा मामला सामने आया उसे दलाल ने 2010 में जारी किया था। उस पर फर्जी तरीके से एडीएम के हस्ताक्षर बनाए गए हैं। पकड़े गए आरोपित तनवीर खान से पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि 34 फर्जी लाइसेंस जारी किए गए हैं। फर्जीवाड़े के खेल में फिलहाल पांच नामफर्जी असलहा लाइसेंस के खेल में जो नाम सामने आ रहे हैं उसमें फर्जी असलहा लाइसेंस धारक हुमायूपुर उत्तरी का तनवीर खान, राप्तीनगर का विकास तिवारी, खजनी का शिवम मिश्रा, लाइसेंस दलाल जमुनहिया का गोपी और गन हाउस प्रोपराइटर शामिल हैं। इन सभी में से पुलिस ने तनवीर को गिरफ्तार कर लिया है। इसी के निशानदेही पर बाकी सभी की तलाश जारी है। गन हाउस संचालक और दलाल फरारडीएम के. विजयेन्द्र पाण्डियन ने बताया कि इस पूरे फर्जीवाड़े में नगर-निगम कार्यालय के पास स्थित रवि गन हाउस संचालक का भी अहम रोल है। दलाल और गन हाउस संचालक की मिली भगत से फर्जी लाइसेंस बन रहे थे। मामला सामने आने के बाद दोनों फरार हैं। दोनों की तलाश जारी है।डेढ़ से दो लाख तय था रेट दलाल एक लाइसेंस के बदले डेढ़ से दो लाख रुपये तक की वसूली करता था। इसमें फिलहाल तो 34 लोग फंसे हैं लेकिन दलाल गोपी कितनों को फांस चुका है इसका खुलासा उसके पकड़े जाने के बाद ही हो पाएगा। कोट-1फर्जी असलहा लाइसेंस का मामला सामने आने के बाद एक को गिरफ्तार कर लिया गया है। बाकी चार की तलाश जारी है। इस फर्जीवाड़े में रवि गन हाउस संचालक भी की भूमिका है। उसकी भी तलाश जारी है। पकड़े गए आरोपित से लिंक तलाशे जा रहे हैं। इसमें जो-जो शामिल होंगे सभी को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी। के.विजयेन्द्र पाण्डियन, जिलाधिकारी कोट-2फर्जी असलहा लाइसेंस मामला सामने आया है। एक की गिरफ्तारी हो चुकी है। बाकी जो भी फरार वह जल्द ही पकड़ में आ जाएंगे। इसमें जो भी शामिल होगा वह छोड़ा नहीं जाएगा। डॉ. सुनील गुप्ता, एसएसपी

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