जन्माष्टमी व्रत तिथि मुहूर्त कौन किस दिन रखें व्रत
जन्माष्टमी की तिथि और शुभ मुहूर्त
जन्माष्टमी की तिथि: 23 अगस्त और 24 अगस्त.
अष्टमी तिथि प्रारंभ: 23 अगस्त 2019 को सुबह 08 बजकर 09 मिनट से.
अष्टमी तिथि समाप्त: 24 अगस्त 2019 को सुबह 08 बजकर 32 मिनट
रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ: 24 अगस्त 2019 की सुबह 03 बजकर 48 मिनट से.
रोहिणी नक्षत्र समाप्त: 25 अगस्त 2019 को सुबह 04 बजकर 17 मिनट तक.
भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था इसलिए इस तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन हिंदू धर्म को मानने वाले लोग व्रत, पूजन और उत्सव मनाते हैं। इस वर्ष जन्माष्टी की तिथि को लेकर उलझन की स्थिति है। 23 तारीख को सुबह 8 बजकर 9 मिनट से अष्टमी तिथि लग रही है जो 24 तारीख शनिवार को सुबह 8 बजकर 32 मिनट पर समाप्त हो जा रही है।
रोहिणी नक्षत्र का आरंभ 24 तारीख को सुबह 3 बजकर 48 मिनट पर हो रहा है। ऐसे में शास्त्रो के नियम के अनुसार सप्तमी व्यापिनी अष्टमी तिथि में गृहस्थों को व्रत करना चाहिए जो 23 तारीख को है। वैष्णवों और साधु-संतों के लिए व्रत 24 तारीख को करना उचित होगा। गृहस्थों को 24 तारीख को 8 बजकर 32 मिनट से बाद व्रत खोलना चाहिए।
जन्माष्टमी का व्रत कैसे रखें?
जो भक्त जन्माष्टमी का व्रत रखना चाहते हैं उन्हें एक दिन पहले केवल एक समय का भोजन करना चाहिए. जन्माष्टमी के दिन सुबह स्नान करने के बाद भक्त व्रत का संकल्प लेते हुए अगले दिन रोहिणी नक्षत्र और अष्टमी तिथि के खत्म होने के बाद पारण यानी कि व्रत खोल सकते हैं. कृष्ण की पूजा नीशीत काल यानी कि आधी रात को की जाती है.
ऐसे तैयार करें माखन मिश्री का भोग
1: सबसे पहले ढूध को अच्छी तरह उबाल कर हल्का गुनगुना कर लें.
2: अब दूध में एक चम्मच दही को अच्छी तरह घोल कर मिला लें.
3: अब ढूध को किसी गर्म जगह रख कर ऊपर से प्लेट से ढक कर 6 घंटे तक जमने रख दें.
4: जब दही जम जाए तो उसको दो घंटे के लिए फ्रिज में रख दें.
5: अब दही एक मिक्सर जार में डाल कर एक गिलास ठंडे पानी या बर्फ के टुकड़े डालकर फेंटे. उसमें से मट्ठा और माखन अलग-अलग हो जाएगा.
6: अब मक्खन को एक गिलास पानी डालकर धो लें.
7: अब मक्खन में तुलसी के पत्ते और मिश्री डाल लें.
8: माखन-मिश्री का भोग तैयार है.
9: अब भगवान को माखन मिश्री का भोग लगाएं.