बिहार के औरंगाबाद जिला जंगलराज में तब्दील होता हुआ — संजीत कुमार

संजीत कुमार
ब्यूरो चीफ औरंगाबाद
आज बालू माफियों का माफियागिरी खुलेआम देखने को बिहार के औरंगाबाद जिला में देखने को मिल जायेगा। सोन- नदी के बालू को लेकर इतनी हैवानियत बढ़ गई है कि प्रशासन भी कुछ नहीं कर पा रही हैं।मै बताते चलू कि ट्रैक्टर से अंधाधुन बालू की अवैध खनन कर जी. टी. रोड़ (एनएच -२)से बारुन से रोहतास जिला में पहुंचाया जा रहा है जबकि वहीं बारून में एनएच -२ पर चेक पोस्ट बनाया गया है ताकि अवैध खनन को रोका जा सके ।लेकिन इस चेक पोस्ट पर उनकी कोई चेकिंग नहीं होती।और तो और डेहरी (पली) के समीप दबंगो द्वारा अवैध खनन(बालू) वाले से अवैध वसूली सरेआम किया जा रहा है।यह कैसा कानून हैं? इससे लोगों के मन में जंगलराज ही विकसित हो सकता है!
और मै बताते चले कि इस अवैध खनन को रोकने के लिए जब जिला प्रशासन व खनन विभाग ने कदम उठाया तो थाना (बारुण) को दबंगो ने आग के हवाले कर दिया था तथा पुलिसकर्मियों को भी पत्थर, ईट से जबाब मिला था।ये जंगलराज नहीं तो क्या है?
अंत में मै यही कहना चाहूंगा कि बिहार के औरंगाबाद जिला में अगर अवैध खनन व वसूली को नहीं रोका गया तो आने वाले समय में यह पूर्ण रूप से जंगलराज में तब्दील हो जाएगा।