फिर चला ऋतु महेश्वरी का डंडा, बिल्डर पर दर्ज हुई एफआईआर ईटी इंफ्रा डिवेलपर्स का निदेशक फरार!

आदित्य द्विवेदी- नोएडा

नोएडा : एक बिल्डर ने 26 करोड़ 80 लाख 92 हजार 429 रुपये लीज रेंट और ब्याज चुकाने से बचने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट का फर्जी आदेश बनाकर प्राधिकरण में पेश कर दिया। इस आदेश में प्राधिकरण को ब्याज और लीज रेंट की राशि नहीं वसूलने का आदेश दिया गया है। जब प्राधिकरण ने पूरे मामले की जांच की तो खुलासा हुआ कि हाईकोर्ट का आदेश तो फर्जी है। अब प्राधिकरण ने सेक्टर-20 थाने में बिल्डर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है।
पुलिस को दी शिकायत में प्राधिकरण के वाणिज्य विभाग में सहायक प्रबन्धक ईशान जैन ने बताया कि सेक्टर-16 का सी-1 प्लॉट ईटी इंफ्रा डिवेलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित किया गया था। प्लॉट आवंटन होने के कुछ समय बाद कंपनी की तरफ से न तो ब्याज दिया गया और न ही लीज रेंट जमा कराया गया। इस तरह कंपनी पर प्राधिकरण का 26 करोड़ 80 लाख 92 हजार 429 रुपये बकाया हो गया। इसको लेकर प्राधिकरण की तरफ कंपनी के निदेशक सुशांत कुमार अग्रवाल को बकाया भुगतान करने के संबंध में नोटिस जारी किया गया।
पुलिस को दी शिकायत के मुताबिक सुशांत कुमार अग्रवाल ने बकाया जमा नहीं किया। वह 20 जुलाई को प्राधिकरण में आया। उसने हाईकोर्ट का एक आदेश प्राधिकरण में जमा किया। यह आदेश कथित रुप से 14 मार्च 2019 को हाईकोर्ट की ओर से जारी किया गया था। इस आदेश में लिखा था कि सुशांत कुमार को ब्याज और लीज रेंट की बकाया राशि से राहत दी जाए।
हाईकोर्ट के आदेश को देखकर प्राधिकरण अफसरों को शक हो गया। प्राधिकरण की एक कमेटी ने अपने स्तर पर जांच की। इलाहाबाद हाईकोर्ट से भी इस आदेश की जांच कराई गई। जांच में पता चला कि हाईकोर्ट ने 14 मार्च 2019 को ऐसा कोई आदेश ही नहीं दिया है। इसके बाद प्राधिकरण ने फिर से नोटिस जारी करके सुशांत को बुलाया लेकिन वह नहीं आया। अब सुशांत के खिलाफ थाने में शिकायत दी गई है। पुलिस ने उसके खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेज तैयार करने सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज कर लिया है।
प्राधिकरण की तरफ से वर्ष 2010 में सुशांत कुमार अग्रवाल की कम्पनी को प्लॉट आवंटित किया था। यह प्लॉट रजनीगंधा चौराहे से डीएनडी की ओर जाने वाली रोड पर है। आरोपी ने भूखंड पर कमर्शियल कॉम्प्लेक्स खड़ा कर लिया है। अब प्राधिकरण की ओर से प्लॉट का आवंदन रद्द किया जा सकता है। ऐसे कॉम्प्लेक्स में प्रॉपर्टी खरीदने वालों को परेशानी होगी।
अब विकास प्राधिकरण और पुलिस की तरफ जानकारी इलाहाबाद हाईकोर्ट को दी जाएगी। ताकि हाईकोर्ट भी आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करे। पुलिस सुशांत कुमार अग्रवाल को तलाश कर रही है। वह अपने दफ्तर और घर में नहीं मिला है। पुलिस का तालाशी अभीयान तेज.

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