पटना हाईकोर्ट के जज ने ऑर्डर में लिखा- कोर्ट में भ्रष्टाचार है, चीफ जस्टिस ने 11 जजों की बेंच बनाकर ऑर्डर पर रोक लगाई

पटना हाईकोर्ट के एक सीनियर जज की टिप्पणी से बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। पटना हाइकोर्ट के जस्टिस राकेश कुमार ने पूर्व आईपीएस अधिकारी केपी रमैया के केस में सुनवाई के दौरान आर्डर में लिखा कि कोर्ट में भ्रष्टाचार है। उन्होंने इस आर्डर की कॉपी पीएमओ और सीबीआई को भी भेज दी। अब चीफ जस्टिस ए पी शाही ने 11 जजों की बेंच बनाकर जस्टिस राकेश कुमार के ऑर्डर पर रोक लगा दी है।

दरअसल, जस्टिस राकेश कुमार ने इस केस की सुनवाई के दौरान न सिर्फ राज्य सरकार के भ्रष्ट अफसरों की खिंचाई कर दी बल्कि हाईकोर्ट की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठा दिए। जस्टिस राकेश ने कहा कि भ्रष्टाचारियों को न्यायपालिका से ही संरक्षण मिल जाता है, जिसकी वजह से उनके हौसले बुलंद रहते हैं। जस्टिस राकेश कुमार ने सवाल उठाए कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट से ज़मानत ख़ारिज होने के बाद निचली अदालत ने रमैया को बेल कैसे दे दी।

जस्टिस राकेश यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के न्यायाधीश को बंगला आवंटित होते ही रख-रखाव और साज-सज्जा पर लाखों रुपये खर्च किये जाते हैं। एक जज ने तो अपने बंगले के रख-रखाव और सौंदर्यीकरण में एक करोड़ से भी ज्यादा रुपये खर्च करवा दिए,जबकि यह राशि गरीब जनता की गाढ़ी कमाई की है।

पटना हाईकोर्ट के इतिहास में यह पहला न्यायिक आदेश है, जिसमें खुद न्यायपालिका को भी कठघरे में खड़ा कर दिया गया है। कोर्ट ने करीब दो घंटे में लिखाये गए ऑर्डर की प्रतिलिपि पीएमओ, कॉलेजियम, केंद्रीय कानून मंत्रालय और सीबीआई के निदेशक को भेजी है। अब खबर है कि पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने इस आदेश को रद्द कर दिया है।

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