शहर में भटकते हैं रोजाना हजारों मजदूर, उदास होकर लौटना पड़ता है गांव,भुखमरी के कगार पर लाखों परिवार।


मनोज गौड़/छोटन्ने खान
लखीमपुर खीरी (संज्ञान न्यूज़) उत्तर प्रदेश के जनपद लखीमपुर खीरी में बेरोजगारी बढ़ने के कारण दर-दर ठोकर खाने पर भी नहीं मिल रहा काम।
काम ना मिलने से मजदूरों के परिवारों का पालन पोषण, पेट चलाना तक हो रहा है दुश्वार। मजदूरी न मिलने से नहीं जल पा रहे गरीब मजदूरों के घर में चूल्हे, दो वक्त की रोटी भी नसीब होना मुस्किल। काम के लालच में लखीमपुर खीरी कोतवाली के पास बड़े चौराहे पर प्रत्येक दिन मजदूर हजारों की संख्या में आते हैं, किंतु दस 20 मजदूर ही मजदूरी का कार्य करने को पाते हैं, और हजारों की संख्या में मजदूर वापस अपने गांव और घरों को चले जाते हैं,


घर जाकर वह निराशा चिंतित दुखी होकर प्राण तक खोने को सोचने पर मजबूर, लखीमपुर खीरी में अत्याधिक बेरोजगारी होने से पढ़े-लिखे वर्ग के लड़के लड़कियां आमतौर पर लखीमपुर खीरी जिले में बेरोजगारी का शिकार हो रहे मजदूरों का कहना है सरकार ने श्रमिक कार्ड तो बना दिए पर नहीं दिए ₹1000 ।
और ना ही जनधन खाता पर मिल रहा मजदूरी का भत्ता, ना महिलाओं को पेंशन, मजदूरों ने कहा कि हम गरीब मजदूरों की कोई भी नहीं सुनता। पेट चलाने में कोई नहीं सहायक, संज्ञान न्यूज़ टीम ने जांच में पाया कि मजदूर तो मजदूर ही हैं किंतु पढ़ा-लिखा वर्ग भी नौकरी पाने के लिए दर-दर भटक रहा, नौकरी के नाम पर लोगों से फ्राड का खेला चल रहा है, सबसे ज्यादा युवा वर्ग हो रहा शिकार सोशल मीडिया, फेसबुक व ऑनलाइन नौकरी आदि के नाम पर।