जनता त्रस्त, पूर्वोत्तर रेलवे मस्त!

स्पर्श सिन्हा
लखनऊ (संज्ञान न्यूज) | कहते हैं, भारतीय रेल आम जन की पहली प्राथमिकता व लाइफलाइन होती है, जिससे यात्री कम किराए में लम्बी दूरी तय कर अपने गंतव्य तक पहुंच सकते हैं। मगर जब रेलवे ही जनता की परेशानियों को नज़रंदाज़ करे,तो आखिर क्या ही किया जाए? जी हाँ, कुछ इसी तरह की हालत है मैलानी-लखनऊ रेल प्रखण्ड की। आपको बता दें,करीब 2 साल से अधिक समय से इस सेक्शन के [ ब्राडगेज में परिवर्तित होने के पश्चात ] खुलने के बावजूद ट्रेनों की संख्या कम और नदारद दिखती नज़र आ रही है। मैलानी से गोलागोकर्णनाथ, लखीमपुर होते सीतापुर,लखनऊ तक यात्रा करने वाले दैनिक यात्रियों, मरीजों व तीमारदारों सहित स्कूली बच्चों को ट्रेनों की कम संख्या के कारण भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वहीं गौरतलब है कि इस समस्या को पूर्वोत्तर रेलवे लगातार नज़रंदाज़ करता चला आ रहा है। आपको बता दें, सेक्शन पर फिलहाल केवल 2 जोड़ी पैसेंजर व 1 जोड़ी एक्सप्रेस ट्रेन का संचालन हो रहा है,जबकि गौरतलब है कि पूर्व में मीटर गेज के समय करीब 5 जोड़ी से अधिक ट्रेनें दौड़ा करती थीं।

वर्तमान में मैलानी से लखनऊ के लिए प्रातः 5 बजे पैसेंजर ट्रेन के न संचालित किये जाने से तथा लखनऊ से देर शाम करीब 6 बजे के आस-पास मैलानी के लिए पैसेंजर ट्रेन के न होने के चलते यात्रियों को न सिर्फ परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है बल्कि इस महंगाई के दौर में रोडवेज बसों के बढ़े किराए का दर्द भी झेलना पड़ रहा है। इस मामले में गौरतलब यह भी है कि मैलानी-ऐशबाग रेल प्रखण्ड के महीने में कई दौरे व निरीक्षण संबंधित अधिकारियों द्वारा किये जाते रहे हैं, वहीं जनता द्वारा पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक व मण्डल रेल प्रबंधक को ज्ञापन भी सौंप कर ट्रेनों की संख्या बढ़ाने का अनुरोध कई बार किया जा चुका है, मगर संबंधित अधिकारियों द्वारा किसी भी तरह की सुध नही ली जा रही है। ऐसे में ये सवाल उठना लाजमी है कि आखिर क्यों मैलानी-लखनऊ रेल प्रखण्ड पर ट्रेनों की संख्या को न बढ़ाकर जनता की समस्याओं को देखते रहने वाला तथा कोई सुध न लेने वाला भद्दा मजाक पूर्वोत्तर रेलवे व वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। हालांकि, इस पूरे मामले में रेलवे अपना फायदा समय से, कर्तव्यनिष्ठा से लगातार बटोरने हेतु प्रयासरत है। जी हां, आपको यह भी बता दें कि पूर्वोत्तर रेलवे गोलागोकर्णनाथ तक मालगाड़ियों को अधिक से अधिक संख्या में भेज, भारी भाड़ा वसूल रहा है, मगर यात्रियों की सुविधा हेतु ट्रेनों की संख्या नही बढ़ा रहा है। ऐसे में जनता का रेल मंत्री से लेकर महाप्रबंधक व मण्डल रेल प्रबंधक, पूर्वोत्तर रेलवे से एक ही सवाल, आखिर कब बढ़ेंगी ट्रेनें,सुधरेंगे हाल!