गांव वालों के हक में 5 बड़े फैसले, पोते-पोती को हक़ मिलेगा, आबादी प्लॉट पर कारोबार होगा

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Noida News : सोमवार को नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) की बोर्ड बैठक में गांव और किसानों से जुड़े 5 बड़े मुद्दों पर फैसले लिए गए हैं। इससे किसानों को बड़ा फायदा मिलेगा। इतना ही नहीं किसान परिवारों में युवक-युवतियों और बच्चों को हक मिलेंगे। किसानों की लंबे वक्त से चली आ रही आबादी भूखंडों से जुड़ी मांगों पर फैसले लिए गए हैं। गांवों में पुश्तैनी और गैर पुश्तैनी निवासियों से जुड़े पुराने मसले पर बोर्ड ने फैसला लिया है। गांव में विकास योजनाएं पूरी करने के लिए और किसानों को मुआवजा बांटने के लिए बड़ी धनराशि बजट में शामिल की गई है।

 1. गांवों में आबादी से जुड़े मामले डेढ़ महीने में निस्तारित करेगा प्राधिकरण
गांवों में निवास करने वाले परिवार अपनी आबादी को रेगुलराइज करवाने के लिए प्राधिकरण में आवेदन करते हैं। अभी तक इन आवेदन पर निर्णय लेने में लंबा वक्त लगता है।जिसके खिलाफ किसान आंदोलन कर चुके हैं। लगातार शिकायत कर रहे हैं। अब इस समस्या का निदान कर दिया गया है। सोमवार को प्राधिकरण बोर्ड में फैसला लिया गया है कि गांवों की आबादी का रेगुलराइजेशन डेढ़ महीने में करना होगा। आबादी विनियमितीकरण के लिए आवेदक को निर्धारित फार्म पर जानकारी देनी होगी। साथ में जरूरी दस्तावेज लगाने होंगे। फिर महीने के भीतर विभाग की समिति बैठक करेगी। सिफारिशों के साथ उच्चस्तरीय समिति को पत्रावली भेजी जाएगी। उच्च स्तरीय समिति अगले 15 दिन में फैसला लेगी और अनुमोदन करने के लिए आगामी बोर्ड बैठक में प्रस्ताव भेज दिया जाएगा। इससे आबादी विनियमितीकरण के मामले अथॉरिटी में पेंडिंग नहीं रहेंगे।

2. पुश्तैनी और गैर पुश्तैनी का मालिकाना हक सुलझाया जाएगा
ग्रामीण क्षेत्रों की पेरीफेरी के अंदर अधिग्रहित भूमि पर रहने वाले पुश्तैनी और गैर पुश्तैनी परिवारों से जुड़े यह मुद्दे लंबे अरसे से अटके पड़े हैं। इन्हें सुलझाने के लिए किसान लगातार प्रयासरत रहते हैं। अब इनका समाधान कब्जे और दस्तावेज के आधार पर किया जाएगा। इस समस्या का समाधान करने के लिए एक प्रक्रिया निर्धारित होगी। बोर्ड ने फैसला लिया है कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारियों की एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जाए। यह समिति तथ्यात्मक परीक्षण करके रिपोर्ट बोर्ड को सौंपेगी। समिति की सिफारिशों के आधार पर नियमावली बनाकर इन मसलों का समाधान किया जाएगा। दरअसल, ऐसे मामले तीनों विकास प्राधिकरण में लंबित हैं। लिहाजा, तीनों अथॉरिटी के लिए कॉमन पॉलिसी लागू होगी।

3. आबादी का क्षेत्रफल 1,000 वर्ग मीटर तक बढ़ाने का प्रस्ताव
नोएडा के किसान लंबे अरसे से मांग कर रहे हैं कि गांवों में हो रहे भूमि अधिग्रहण के दौरान किसान परिवारों के प्रत्येक व्यस्क सदस्य के लिए कम से कम 1,000 वर्ग मीटर जमीन छोड़ी जानी चाहिए। अभी तक नोएडा अथॉरिटी प्रति व्यस्क 450 वर्ग मीटर जमीन छोड़ती है। इसे लेकर पिछले दिनों किसानों और प्राधिकरण अफसरों के बीच वार्ता हुई थी। बोर्ड ने इस पर सहमति दे दी है और निर्णय लेने के लिए प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। यह किसानों के हक में लिया गया बड़ा फैसला है।

4. आबादी भूखंडों पर कमर्शियल एक्टिविटी
नोएडा के किसान लंबे अरसे से भूमि अधिग्रहण के सापेक्ष मिलने वाले 5% आबादी के भूखंडों पर व्यवसायिक गतिविधियां शुरू करने की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर भी पिछले दिनों किसान आंदोलन के दौरान वार्ता हुई थी। सोमवार को बोर्ड ने प्रस्ताव रखा गया है। जिस पर फैसला लिया गया कि अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है। यह समिति दूसरे प्राधिकरणों में चल रही व्यवस्था का अध्ययन करेगी और अपनी रिपोर्ट जल्दी सौंपेगी। उसके आधार पर अथॉरिटी आगे बढ़ेगी।

5. किसानों को मिलेंगे पांच अरब रुपये, ग्रामीण विकास पर 125 करोड़ खर्च होंगे
रितु माहेश्वरी ने बताया कि इस साल नए आवासीय और औद्योगिक सेक्टर बसाए जाएंगे। इसके लिए किसानों से भूमि अधिग्रहण करना होगा। भूमि अधिग्रहण के लिए 500 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है। यह पैसा किसानों को बतौर मुआवजा दिया जाएगा। सीईओ ने बताया कि इस बजट में ग्रामीण विकास के लिए अलग से धनराशि आवंटित की गई है। इस साल नोएडा के गांवों में 125 करोड रुपए विभिन्न विकास योजनाओं पर खर्च होंगे। इनमें सामुदायिक केंद्र, नाली, सीवर, पथ प्रकाश व्यवस्था, पार्कों का विकास और सड़कों का निर्माण शामिल है।

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