क्षेत्रीय भाषी लेखकों के लिए भारत को मिला पहला स्थानीय भाषी प्रकाशन मंच – (नेटिव लैंग्वेज पब्लिशिंग प्लेफॉर्म)

दिल्ली (संज्ञान न्यूज़) : भारत एक ऐसा देश जो पुरे विश्व में अपने अलग अलग संस्कृति व बहु भाषी स्वरूप के लिए जाना जाता हैं। अलग भाषाओ के जाथे होने के कारण भारत में आज बहुभाषी लेखकों को भी एक पब्लिकेशन हाउस की हमेशा से तलाश रही क्योकि उन्हें अपने विचारों और काम को प्रकाशित करने के लिए हमेशा से ही जदोजेहड़ करना पड़ा हैं इसी के चलते पुरे भारत के लेखकों को सक्षम बनाने के लिए ‘Shabd.in’ एक डिजिटल पब्लिशिंग हाउस स्पेस लांच हुआ। Shabd.in प्लेटफॉर्म का मुख्यालय नोएडा में है।

क्षेत्रीय भाषी लेखकों के लिए को नॉएडा में Shabd.in नामक ई-कॉमर्स आधारित प्रकाशन प्लेटफॉर्म प्रस्तुत किया। इस सहायक प्लेटफॉर्म का उद्देश्य भारतीय क्षेत्रीय भाषी लेखकों को वैश्विक बाजार से जोड़ना है। Shabd.in का मुख्य उद्देश्य भारत में स्थानीय भाषा प्लेटफार्म्स की गैर-मौजूदगी की खाई को काम करना हैं, जहां लोग स्वतंत्र रूप से लिखने का मौका दिया जा सके और अपनी पुस्तकें अपनी ही क्षेत्रीय भाषाओ में प्रकाशित करवा सकें।

‘शब्द.इन’ प्लेटफॉर्म को अपने इंटरेक्टिव मॉडल के लिए, आइआईटी कानपुर इनक्यूबेशन सेंटर की तरफ से स्वीकृति मिली और आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहन के साथ सीड फंडिंग प्राप्त हुई। ‘शब्द.इन’ पर अभी तक लगभग 700 ईबुक प्रकाशित हो चुकी हैं और 27 किताबें पेपरबैक में उपलब्ध हैं।

‘शब्द.इन’ अभी केवल हिन्दी में उपलब्ध है। प्लैटफ़ार्म का अंग्रेज़ी वर्जन अप्रैल के महीने में लॉंच कर दिया जाएगा। उसके बाद इसी साल में हम लगभग 20 से 30 अन्य भारतीय भाषाओं में भी इस प्लैटफ़ार्म को उपलब्ध करने जा रहे हैं। ‘शब्द.इन’ के साथ वर्तमान में अबतक कुल 5000 लेखक जुड़ चुके हैं और उनमें से 1500 लोग सक्रिय रूप से जुड़कर लिख रहे हैं।

प्लेटफॉर्म के बारे में चर्चा करते हुए, ‘शब्द.इन’ के एमडी और सीईओ, अमितेश मिश्रा ने कहा, “हमे बेहद ही इस बात को लेकर ख़ुशी हैं की हम एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार कर सके जिससे क्षेत्रीय स्थानीय भाषी लेखकों को अपने लेखन अपनी रचना अपने विचार रख सकेगे। साथ ही में कहना चाहूँगा की, इंटरनेट पर हिंदी समेत क्षेत्रीय स्थानीय भाषी लेखकों के पास लिखने के लिए कोई अच्छा मंच उपलब्ध नहीं था। और अगर वे अपनी किताबें प्रकाशित करना चाहते हैं तो उन्हें अभी भी बहुत सी मुश्किलों से गुजरना पड़ता है। यदि वे सेल्फ-पब्लिशिंग ऑप्शन पर जाते हैं, तो अपनी पुस्तकों को प्रकाशित कराने के लिए उन्हें भारी चार्जेज चुकाना पड़ता है और फिर उन्हें अपनी पुस्तकों का प्रचार करने में अनेक चुनौतियों से जूझना पड़ता है। हम इन सभी समस्याओं को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। फिलहाल हिंदी के साथ काम करते हुए, हम जल्द ही भारत की सभी भाषाओं में अपनी सेवाओं का विस्तार करेंगे, जहां लोग अपने काम को आसानी के साथ और सशक्त तरीके से प्रकाशित और प्रचारित करवा सकते हैं।

Shabd.in का मकसद लेखकों को शोषण से बचाते हुए अगले 5 वर्षों के दौरान भारत में स्थानीय भाषा में सबसे बड़ा बहुभाषी कंटेंट प्लेटफॉर्म बनना है। एक तरफ जहां प्लेटफ़ॉर्म सेलर्स के लिए उच्चतम रॉयल्टी प्रतिशत ऑफर करता है, वहीं यह प्रत्येक लेखक के लिए उसके काम को अपनी स्थानीय भाषा में प्रकाशित करवाने की पहली पसंद बनना चाहता है

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