‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के अंतर्गत ‘नागरिक सेवा दिवस’ पर विचार गोष्ठी का हुआ आयोजन

गोरखपुर (संज्ञान नेवस) ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ शृंखला के अंतर्गत वीर बहादुर सिंह राजकीय महाविद्यालय कम्पियरगंज, गोरखपुर में ‘नागरिक सेवा दिवस’ के अवसर पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी का विषय था ‘देश की एकता और अखंडता में सिविल सेवा की भूमिका’। असिस्टेंट प्रोफेसर और कार्यक्रम प्रभारी सुमित कुमार गुप्ता ने कार्यक्रम के आयोजन का उद्देश्य बताते हुए कहा कि नागरिकों से ही राष्ट्र का निर्माण होता है। नागरिक सुशासन के लिए ही लोक सेवकों की नियुक्ति की जाती है। संघ लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित इन लोक सेवकों को आई०ए०एस०, आई०पी०एस० और आई०एफ०एस० कहा जाता है। सिविल सेवा नागरिकों की बेहतरी, राष्ट्र की प्रगति और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अनिवार्य है।

प्राचार्य डॉ० सौमित्र चन्द्र ने इस अवसर पर कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल ने 21 अप्रैल 1947 को सिविल सेवा का उद्घाटन किया था। इसकी स्मृति में 2006 से प्रति वर्ष 21 अप्रैल को सिविल सेवा दिवस मनाया जाता है। कर्तव्यनिष्ठ और कुशल लोक सेवकों को इस दिन माननीय प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित किया जाता है। इस वर्ष अपने जनपद के जिलाधिकारी महोदय श्री विजय किरण आनन्द को ‘प्रधानमंत्री पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है, जो गर्व और हर्ष का विषय है।
इस अवसर पर एसोसिएट प्रोफेसर डॉ० आर्येन्दु द्विवेदी, डॉ० जयप्रकाश वर्मा, डॉ० शैलजा अस्थाना, डॉ० मनीष कन्नौजिया, मनोज खरवार, किशोर नन्द, विकास सोनकर, योगेन्द्र नाथ मिश्र, जितेन्द्र कुमार चौरसिया, डॉ० गीता यादव, बृजेश पांडेय आदि उपस्थित रहे। स्नातक के छात्र-छात्राओं ने विचार गोष्ठी में सक्रिय सहभागिता की।