मॉडल गांव रेवाना में सिलाई का हुनर बनेगा महिलाओं की आत्मनिर्भरता का जरिया

गांव में महिलाएं बनने लगी हुनरमंद, मास्टर ट्रेनर महिलाएं गांव में चलाएंगी सिलाई की पाठशाला

लखीमपुर खीरी (संज्ञान न्यूज़)। तहसील व ब्लाक मितौली के ग्राम रेवाना की खुशबू अब दिल्ली तक जा पहुंची। इन दिनों यहां की महिलाएं ऊषा इंटरनेशनल लिमिटेड के सहयोग से सिलाई का न केवल प्रशिक्षण पा रही बल्कि अपने उत्पाद की मार्केटिंग भी करेगी।

खीरी जिला प्रशासन के मॉडल व अनूठे प्रोजेक्ट रेवाना ग्रीन डिजिटल स्मार्ट विलेज पीएम आवास योजना (ग्रा) के आवासीय क्लस्टर में उषा इंटरनेशनल लिमिटेड की सीएसआर विंग ऊषा सिलाई स्कूल फाउंडेशन की टीम रेवाना गांव पहुंची, प्रशासनिक अफसरों की मदद से टीम ने गांव की महिलाओं को उनकी कौशल, कार्यकुशलता के अनुसार सिलाई प्रशिक्षण के लिए चयनित किया। यह प्रशिक्षण कम्युनिटी हॉल में 20 अप्रैल से शुरू होकर चार मई तक चल रहा है, जिसमें 15 महिलाएं प्रशिक्षण ले रही, जिनमें दो महिलाओं को मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार किया जा रहा, जो निकट भविष्य में गांव व समीपवर्ती गांव की महिलाओं को सिलाई पाठशाला चलाकर प्रशिक्षित करके स्वावलंबन से जोड़ते हुए आत्मनिर्भर बनाएंगी।

बताते चलें कि डीएम महेंद्र बहादुर सिंह व सीडीओ अनिल कुमार सिंह के मार्गदर्शन व निर्देशन व बीडीओ चंदन देव पांडेय की देखरेख में तहसील व ब्लॉक मितौली रेवाना ग्रीन डिजिटल स्मार्ट विलेज पीएम आवास योजना (ग्रा) के आवासीय क्लस्टर विकसित हुआ। प्रशासन ने टाटा की मदद से गांव में सोलर पावर प्लांट की स्थापित कराया, इसके जरिए करीब 130 परिवारों को सोलर पावर सप्लाई सब्सिडी पर उपलब्ध कराई। अफसरों के इन अनूठे प्रयासों की गूंज जब गांव से बाहर निकली तो ऊषा इंटरनेशनल लिमिटेड ने यहां की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का जिम्मा उठाया।

बताते चलें कि इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य गाँव की महिलाओं को सिलाई के क्षेत्र में प्रशिक्षित कर उनको स्वरोजगार के साधन से जोड़ना और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। प्रशिक्षण ले रही महिलाओं से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि जब यहां आई थी तब उन्हें सिलाई मशीन चलाना नहीं आता था लेकिन प्रशिक्षण के दौरान उन्हें कपड़ों की कटिंग, डिजाइनिंग, सिलाई करने की जानकारी मिल गई।

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