खीरी के गन्ना किसानों ने यूपी में मनवाया अपना लोहा, कई योजनाओं व प्रतियोगिताओं में अव्वल

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सरकार गन्ना किसानों की आय बढ़ाने के लिए कर रही नित नए प्रयास : डीएम

प्रांजल श्रीवास्तव

लखीमपुर खीरी (संज्ञान न्यूज़)। चीनी का कटोरा कहा जाने वाला जनपद खीरी इन दिनों गन्ना विकास के लिए हुए प्रयासों से कई उपलब्धियां दर्ज कराई। डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि अपर मुख्य सचिव गन्ना, उप्र शासन संजय भूसरेड्डी के नेतृत्व में सरकार की मंशानुरूप गन्ना किसानों की आय में वृद्धि करने हेतु नित नए प्रयास जारी है। गन्ना विकास विभाग द्वारा पारदर्शिता लाने, गन्ना कृषकों की आय में वृद्धि करने के लिए कई उपलब्धियां हासिल की। खीरी के गन्ना किसान ट्रेंच विधि से बुवाई, सहफसली खेती, ड्रिप सिंचाई, रैटून मैनेजमेंट व ट्रैश मल्चर का प्रयोग से अपनी आय में वृद्धि करने के अनूठे उदाहरण पेश करते हुए प्रगतिशील किसान के रूप में अपने को स्थापित कर रहे, जो अन्य किसानों के लिए प्रेरणा भी हैं।

202 महिला समूहो ने की 5.20 करोड़ की आय अर्जित
दशमेश महिला स्वयं सहायता समूह यूपी में अव्वल
डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि प्रदेश स्तर पर जनपद खीरी में सर्वाधिक 202 महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया, जिनके द्वारा विगत सत्र में पांच करोड़ बीस लाख इक्तालिस हजार तीन सौ छत्तीस रूपये की आय की। प्रदेश में दशमेश महिला स्वयं सहायता समूह अमृतापुर को प्रथम स्थान व अभिप्रेरणा महिला स्वयं सहायता समूह को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ।

उत्कृष्ट कार्य योजना में खीरी के रामपाल यूपी में अव्वल
प्रगतिशील कृषकों, चीनी मिलों व सहकारी गन्ना समितियों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा विकसित करने के उद्देश्य से उत्कृष्ट कार्य योजना प्रदेश में लागू की गयी है, जिसमें प्रतिभाग करते हुये-
गन्ना कृषक संवर्ग में श्री रामपाल पुत्र बैजनाथ, निवासी लक्खनपुरवा, लखीमपुर ने प्रदेश स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया। समिति संवर्ग में सहकारी गन्ना विकास समिति लि. पलिया को तृत्रीय स्थान प्राप्त हुआ।

किसान घर बैठे देखे ईआरपी के जरिए सभी आंकड़े
गन्ना विकास विभाग में पारदर्शिता व तेजी लाने के उद्देश्य से ईआरपी व्यवस्था लागू है, जिससे कृषक अपना सभी डाटा-आंकड़े घर बैठे देख सकते है। विभाग द्वारा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य करते हुये एस.एम.एस. पर्ची पर गन्ना तौल करने की व्यवस्था लागू की गयी, जिससे कृषक को समय से पर्ची प्राप्त होने के कारण चीनी मिलों को ताजा गन्ना आपूर्ति हो रहा है जो कृषक व चीनी मिल दोनों के लिये लाभकारी है।

सहकारी गन्ना समितियों खरीदेगी 16 ड्रोन, होगा छिड़काव
पर्यावरण व कृषकों को घातक कीटनाशक, रोगनाशक रसायनों से बचाव के लिये जनपद की समस्त 12 सहकारी गन्ना समितियों पर कुल 16 ड्रोन खरीदे जायेंगे, जिसे छोटे व मध्यम कृषक सस्ते किराये दर पर प्राप्त कर सकेगें। ड्रोन द्वारा तरल यूरिया (नैनो यूरिया) छिड़काव का सफल प्रदर्शन गन्ना विकास परिषद जे.बी.गंज में किया जा चुका है। ड्रोन जहां पर्यावरण व स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्परिणाम कम होते है, वहीं मानव श्रव व समय की भी बचत होती है।

पंचामृत अपनाएं उत्तम कृषक कहलाए
गन्ना खेती में नवीन तकनीकों को बढ़ावा देने हेतु पंचामृत योजना लागू है। पंचामृत योजना के पॉच प्रमुख विधियां ट्रेन्च विधि से बुवाई, सहफसली खेती, ड्रिप सिचाई, रैटून मैनेजमेन्ट व ट्रेश मल्चर का प्रयोग शामिल हैं, जिसका उद्देश्य अधिक उपज प्राप्त कर आय मे बृद्धि करना है। जनपद को ट्रेन्च विधि, सहफसली व माडल प्लाट (न्यूनतम क्षेत्रफल 0.5 हे.) हेतु 200 कृषकों के चयन का लक्ष्य आवंटित है जिसके सापेक्ष 202 माडल प्लाट धारक कृषकों का चयन कर लक्ष्यों की पूर्ति कर ली गयी है

फार्म मशीनरी बैंक से 2178 हेक्टेअर भूमि पर हुआ फसल अवशेष प्रबन्धन
प्रदेश की सहकारी गन्ना व चीनी मिल समितियों में प्रमोशन आफ एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन फार इन-सीटू मैनेजमेन्ट आफ क्राप रेजीड्यू योजना में 13 समितियों-चीनी मिल समितियों में फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना की, जिसके अन्तर्गत समिति क्षेत्र के गन्ना कृषकों को यंत्र अत्यन्त कम किराये दर पर उपलब्ध कराये जाते है। फार्म मशीनरी बैंक की क्रियाशीलता, उपलब्ध यंत्रों के सदुपयोग के कारण जनपद में कुल 2178 हेक्टेअर भूमि पर स्थिति फसल के अवशेष का प्रबन्धन क्षेत्रीय कृषकों ने किया। इससे जहां एक तरफ जहां पराली जलाने की घटनाओं में अप्रत्याशित कमी आयी है, वहीं दूसरी तरफ पर्यावरण प्रदूषण को कम करने में सहायता मिल रही। मृदा जीवाश्म-कार्बनिक पदार्थों में वृद्धि के कारण मृदा स्वास्थ में भी उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है। फार्म मशीनरी यंत्रों का सर्वाधिक लाभ छोटे व मध्यम किसानों को प्राप्त हो रहा है।

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