प्राथमिकता से निस्तारित होंगी किसानों की समस्याएं : डीएम

किसान उत्पादक संगठन से कृषि में आएगी क्रांति : डीएम

प्रांजल श्रीवास्तव

लखीमपुर खीरी (संज्ञान न्यूज़ डेस्क)। माह के तृतीय बुधवार को शासन के निर्देश पर डीएम महेंद्र बहादुर सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट में किसान दिवस का आयोजन हुआ। इसी के साथ डीएम की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय अनुश्रवण समिति/जनपद स्तरीय परियोजना प्रबन्धन इकाई की बैठक हुई। बैठक का सफल संचालन उप कृषि निदेशक डॉ योगेश प्रताप सिंह ने किया।

डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के जरिए कृषक अपनी आय में वृद्धि करें। एफपीओ इकाइयां के गठन का उद्देश्य किसानों की आय को बढ़ावा देना है। उन्होंने किसानों से उनकी आय वृद्धि करने को लेकर चर्चा की। एफपीओ द्वारा केले से रेशा उत्पादन कराकर किसानों की आय में वृद्धि की जा सकती है। डीएम ने एफपीओ की जनपद स्तरीय परियोजना प्रबन्धन इकाई की बैठक में निर्देशित किया कि जनपद में अधिकांश कृषक सीमान्त एवं लघु श्रेणी के है। उनको कृषि तकनीकी की जानकारी, गुणवत्तायुक्त कृषि निवेश की उपलब्धता एवं उपज का मूल्य सम्बर्द्धन का लाभकारी मूल्य दिलाने में एफपीओ की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसलिए यह आवश्यक है कि विभिन्न विकास खण्ड का बेसलाइन सर्वे करते हुए किसानों की मौजूदा स्थिति विपणन, मूल्य सम्बर्द्धन की सुविधा एवं अवस्थापना गैप का ऑकलन किया जाय तथा क्षेत्रीय आवश्यकता व कृषकों के सुगमता के अनुरूप आर्थिक रूप से स्थिर टिकाऊ एफपीओ हेतु व्यवसाय योजना बनायी जाय।

उन्होंने बताया कि एफपीओ के गठन के व्यवहारिक पहलू को उल्लेख करते हुए अपेक्षा की कि समान रूचि के कृषकों को एकत्रित करते हुए कृषक सहायता समूह का गठन किया जाय एवं कई समूहों को जोड़कर सशक्त एफपीओ का गठन एवं क्रियान्वयन कराया जाय। औसतन एफपीओ के गठन के प्रथम वर्ष में 35000-40000 रू. का व्यय सम्भावित है। गठन की पूर्ण प्रक्रिया एवं सहयोग डीडी कृषि व जिप्र नाबार्ड के स्तर पर कृषकगण प्राप्त करें। एफपीओ के गठन के होने वाले लाभ, एफपीओ हेतु अधिकतम रू. 15 लाख तक मैचिंग इक्वीटी ग्राण्ट का प्राविधान तथा कार्यशीली पूँजी के तीन वर्ष तक रू. 05 लाख तक ऋण सीमा पर 04 प्रतिशत ब्याज उपादान की सुविधा को रेखांकित करते हुए पूर्व से गठित एफपीओ को अपना शेयर अंश बढाने तथा इक्वीटी ग्राण्ट का लाभ उठाने हेतु अपेक्षा की। जनपद खीरी में लेमन ग्रास के जरिए एवं केले के रेशे बनाने हेतु एफपीओ का गठन कर कृषकों की आमदनी दो-गुनी से भी ज्यादा बढ़ाई जा सकती है, इसके साथ ही साथ कृषि क्षेत्र से जुड़े हुए दुग्ध व्यवसाय, पशुपालन, औद्यानिक फसल उत्पादन एवं प्रसंस्करण कार्य हेतु एफपीओ का गठन किया जा सकता है। ब्लॉक-पलिया, ईसानगर, बॉकेगंज में केले की बहुल्यता को मद्देनजर केले के रेशे के उत्पादन एवं रेशे से बने हैण्डलूम उत्पाद की सम्भावना को दृष्टिगत विशेष प्रयास के निर्देश जिला प्रबन्धक नाबार्ड एवं उप कृषि निदेशक को दिये।

उन्होंने कहा कि शासन के निर्देशानुसार हर माह के तृतीय बुधवार को किसान दिवस आयोजित कर किसानों से प्राप्त समस्याओं, शिकायतों को सुनकर प्राथमिकता से निस्तारित किया जाएगा। जिले में खाद, बीज, पानी की कोई कमी नहीं है। ब्लाक व न्यायपंचायत स्तर पर होने वाली गोष्ठियों की सूचना अधिक से अधिक किसानों को दें। सभी राजकीय गोदामों पर रेट लिस्ट अवश्य लगवाएं और निर्धारित दरों पर ही खाद, बीज किसानों को वितरित कराएं।

सीडीओ अनिल कुमार सिंह ने कहा कि सरकार किसानों के हितों के संरक्षण व लाभार्थीपरक योजनाओं से उनके चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही। किसान अपनी सभी समस्याओं को अवगत कराकर उनका निदान करा सकते हैं। किसानों की समस्याओं के निराकरण हेतु किसान दिवस की महत्वपूर्ण भूमिका है। बैठक में डीडी कृषि डॉ योगेश प्रताप सिंह ने किसान दिवस की आवश्यकता व प्रासंगिकता बताइ। किसान दिवस में आये कृषकों की समस्याओं का बिन्दुवार समाधान किया। कृषि क्षेत्र में एफपीओ की भूमिका व एफपीओ गठन हेतु पीपीटी के जरिए कृषकों को जानकारी दी।

बैठक में डीडी कृषि डा. योगेश प्रताप सिंह जिला कृषि अधिकारी अरविन्द चौधरी, डीएचओ दिग्विजय कुमार, एलडीएम बीएल राणा, जिला प्रबन्धक नाबार्ड प्रसून, वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. एमके विश्वकर्मा, डा. निरंजन लाल, डा. पीके बिसेन, डा. जिया गुप्ता, एआरसीएस सूर्य नरायन मिश्र, जिला कृषि रक्षा अधिकारी सत्येन्द्र सिंह, भूमि संरक्षण अधिकारी प्रमोद कुमार, रेशम विकास अधिकारी सीएम गौतम, एफपीओ के प्रतिनिधि व प्रगतिशील कृषक उपस्थित रहे।

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