मानकों पर खरे न उतरने पर 577 संस्थानों के आवेदन निरस्त, एएनएम व पैरा मेडिकल की मान्यता के लिए किया था अप्लाई

UP News मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चिकित्सा शिक्षा विभाग को मानक अनुसार नर्सिंग और पैरा मेडिकल कोर्स की पढ़ाई कराने के निर्देश दिए थे। इस संबंध में विभाग में हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। इंडियन नर्सिंग काउंसिल के मानकों का सख्ती से पालन कराया जा रहा है।

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लोगों को उच्च गुणवत्ता युक्त स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की मुहिम का असर दिखने लगा है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने एएनएम, जीएनएम और पैरा मेडिकल की मान्यता के लिए अक्तूबर, 2021 से फरवरी, 2022 के बीच आए 1100 में आवेदनों में से मानकों पर खरे नहीं उतरने वाले 577 आवेदनों को निरस्त कर दिया है। पांच महीने में इतनी अधिक संख्या में आवेदनों को पहली बार इसलिए निरस्त किया गया है, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता में और सुधार हो।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में चिकित्सा शिक्षा विभाग को मानक अनुसार नर्सिंग और पैरा मेडिकल कोर्स की पढ़ाई कराने के निर्देश दिए थे। इस संबंध में चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। इंडियन नर्सिंग काउंसिल (आइएनसी) के मानकों का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। पिछले छह माह में 440 केंद्रों में नर्सिंग और पैरा मेडिकल कोर्स चलाने की मान्यता भी दी गई है। इसके अलावा चिकित्सा शिक्षा विभाग जीएनएम की पढ़ाई के लिए सरकारी क्षेत्र में 20 प्रतिशत सीटों में वृद्धि भी कर रहा है।

एएनएम, जीएनएम और पैरा मेडिकल की मान्यता के लिए किया था आवेदन।

आईएनसी का पालन करने वाले संस्थान ही संचालित कर पाएंगे कोर्स : चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचित आलोक कुमार ने बताया कि नर्सिंग और पैरामेडिकल की शिक्षा को उच्च गुणवत्ता युक्त बनाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। आईएनसी के मानकों का पालन करने वाले संस्थान ही नर्सिंग और पैरा मेडिकल के कोर्स संचालित कर पाएंगे। ताकि इनसे निकलने वाले छात्रों को नौकरी या रोजगार के लिए भटकना न पड़े।

दूसरे सेंटरों पर परीक्षा देंगे 50 हजार से अधिक छात्र : चिकित्सा शिक्षा विभाग ने एक और बड़ा बदलाव किया है। अब नर्सिंग और पैरा मेडिकल की परीक्षाएं दूसरे सेंटरों पर कराई जाएंगी। इसके तहत सितंबर के महीने में 50,000 से ज़्यादा छात्रों की वार्षिक परीक्षा होगी। हाल ही में पायलट प्रोजेक्ट के तहत स्पलिमेंट्री एग्जाम इसी प्रारूप पर कराए गए हैं।

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