गुरुआ मे झोला छाप डॉक्टर के लापहवाही से महिला की ले ली गई जान
रंजीत कुमार
गुरुआ।के झोला छाप डॉक्टर दुबारा संचालित शशिकांत निजी क्लीनिक मे झोला छाप डॉक्टर के इलाज के कारण 50 वर्षीय एक गरीब मजदूर महिला की मौत हो गई। पीड़िता चिलौर पंचायत ढीबरा निवासी मुकेश कुमार ने बताया मेरी मां सरस्वती देवी की ।दो दिन पहले बुखार लगी तो मैंने बाइक पर बैठकर इलाज के लिए शशिकांत निजी क्लीनिक में लाया,जहां उसे भर्ती कर इलाज शुरू हुआ।जैसे ही उसे डॉक्टर के द्वारा इंजेक्शन लगाया गया तो महिला की अचानक और तबियत बिगड़ने लगी।जब बिगड़ रही इस्थिति की उनके परिजनों ने देखा तो उन्होंने इस बात की जानकारी डॉक्टर को दी।तो इस पर डॉक्टर ने पैसा कमाने के चलते बोला की ठीक हो जाएगा, इलाज चलने दीजिए वे दो दिनो तक अपने क्लीनिक में उस महिला को इलाज करते रहे।पीड़ित परिवार को एक भी बात नही सुनी।जब इस्थिती काफी बिगड़ने लगी तो उन्होंने दो बजे रात को उनके परिजनों को दूसरे जगह इलाज के लिए ले जाने की बात कही।सबसे बड़ी बात तो ये है की जिस शशिकांत निजी क्लीनिक में इलाज चल रहा था उस क्लीनिक में मरीज को लाने ले जाने के लिए वाहन की कोई सुविधा नहीं है। किसी तरह से मरीज के परिजनों ने मरीज को इलाज के लिए गया के एम्स में ले गए तो वहां के डॉक्टरों ने जांच किया तो रिपोर्टर में पता चला की गुरुआ में इलाज कर रहे शशिकांत झोला छाप डॉक्टर के कड़े इंजेक्शन के दवा के प्रभाव से महिला की दोनो कीटनी पूरी तरह से खराब हो चुकी है।लेकिन फिर भी एम्स के डॉक्टरों ने उस महिला को फिर भी इलाज शुरू किया लेकिन महिला ने अपनी जिंदगी से अंतिम सांस मिली।इस घटना को लेकर पूरे गुरुआ में कोहराम मचा हुआ है।मृत के परिजनों से लेकर ग्रामीणों ने गया के सिविल सर्जन से शशिकांत डॉक्टर को जल्द गिरफ्तार कर मामला दर्ज करने की मांगनी है