सडीएम ने कलेक्ट्रेट परिसर के प्रांगण में महात्मा गांधी की 153वीं व लाल बहादुर शास्त्री की जयंती धूमधाम से मनाया
मुकेश शर्मा
रायबरेली (संज्ञान न्यूज़) में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की 153वीं जयंती कलेक्ट्रेट के प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम धूमधाम से मनाई गई, 2 अक्टूबर के अवसर पर महात्मा गांधी व लाल बहादुर शास्त्री जी के चित्र का अनावरण व चित्र पर माल्यार्पण कर डीएम माला श्रीवास्तव ने श्रद्धासुमन अर्पित किये। इस मौके पर जिलाधिकारी सहित अपर जिलाधिकारी प्रशासन, अपर जिलाधिकारी, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट, नगर मजिस्ट्रेट सहित अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों ने गांधीजी व लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित कर कोटि-कोटि नमन किया।
कार्यक्रम में जिलाधिकारी सहित प्रशासनिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने गांधी जी और लालबहादुर शास्त्री के दर्शन, विचार को विस्तार से बताया और कहा गांधी जी का ‘सादा जीवन उच्च विचार’ का सिद्धान्त आज के दौर में ज्यादा प्रासंगिक है। गांधी जी ने स्वतन्त्रता आंदोलन को जनआंदोलन बनाया।
ज्ञात हो कि आज गांधी जयंती है इसके साथ ही लाल बहादुर शास्त्री का भी जन्मदिन आज ही मनाया जाता है दोनों जयंती को एक साथ मनाते हुए जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने कलेक्ट्रेट परिसर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया जिस के अवसर पर महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के चित्रों पर माल्यार्पण करते हुए उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया। कार्यक्रम में कलेक्ट्रेट के कई वरिष्ठ अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने गांधी जी तथा लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनके जीवन शैली एवं आदर्शो पर अपने विचार व्यक्त किये। इस मौके पर रघुपति राघव राजा राम …………आदि सहित कई भजनों को प्रस्तुत कर उपस्थित जनों ने सुना और मन को मोह लिया। इससे पूर्व जिलाधिकारी व अन्य अधिकारियों ने आयोजित कार्यक्रम में आये हुए स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों का माल्यार्पण व मेडल आदि से सम्मानित भी किया।
जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने कहा कि महात्मागांधी दृढ़ व्यक्तित्व के व्यक्ति थे। असल में वह एक उत्तम आत्मा के स्वामी थे। वह साधारण कपड़े पहनते थे एवं सादा भोजन करते थे। वह केवल शब्दों पर नहीं बल्कि कार्य करने में विश्वास रखते थे। जिसका वह उपदेश देते थे उन बातों का अनुसरण भी करते थे। सादा जीवन व उच्च विचार अपनाकर आगे बढ़ें। विभिन्न समस्याओं के संदर्भ में उनका अभिगम अहिंसक था। उन्हें हर प्रकार के जातिवाद से नफरत थी। गांधी जी का जीवन दर्शन, समग्रता और समता का जीवन दर्शन है जिसे अपने जीवन में दृढ़ इच्छा शक्ति और संकल्प के साथ आसानी से उतारा जा सकता है। वर्तमान भौतिकतावादी दौर, पश्चिमी संस्कृति के बढ़ते माहौल में भारतीय संस्कृति व सभ्यता की रक्षा करना जरूरी है। इसके लिए महात्मा गांधी जी का जीवन दर्शन देशवासियों के लिए आज और भी ज्यादा प्रासांगिक हो गया है। उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री जी के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि गांधी जी की भांति लाल बहादुर शास्त्री जी भी सादगी के प्रतीक थे। दोनों ही महापुरुषों ने सादा जीवन उच्च विचार की विचारधारा को जीवन भर अपनाया तथा देश व समाज को उन्नति व विकास के मार्ग पर चलने का संदेश दिया। उन्होने कहा कि गांधी जी की विचारधारा और दर्शन को जानें और उसे महत्व दें तथा उनके आदर्श, मूल्यों को भी याद करें व संकल्प लें।
जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव