डुमरिया अंचल अधिकारी द्वारा पत्रकारों से किया गया बदसलूकी
रंजीत कुमार
डुमरिया। गया (संज्ञान न्यूज)के अंचल पदाधिकारी ने पत्रकार के साथ बदसलूकी की हदें पार करते हुए उनके साथ अभद्र व्यवहार किया है। हद तो तब पार हो गई जब अंचलाधिकारी ने अपने अंचल कार्यालय के कर्मियों के साथ और कुछ फोन कर के बुलाए गए बिचौलियों के साथ रह कर अपने कर्मियों द्वारा पत्रकार को ब्लॉक परिसर से एक बंद कमरे में ले जाने का प्रयास किया गया। लेकिन पत्रकार लोगों ने मामला को भागते हुए अंदर बंद कमरे में जाना उचित नहीं समझा इसके दौरान सीओ ने पूरे अपने बिचौलियों एवं अंचल कार्यालय के कर्मियों के साथ ब्लाक परिसर में ही पत्रकार को घेर लिया। एवं अपने आप को मजिस्ट्रेट का धौस देने लगा । इस घटना को लेकर पत्रकारों में डुमरिया के सी ओ के प्रति काफी गहरा आक्रोश है जगतपुर निवासी टुनटुन पासवान ने बताया की हमारी डुमरिया में कुछ जमीन थी जो काट मे टाइटल शूट मुकदमा चल रहा है जिसे यहां सी ओ बिना किसी नोटिस के प्रतिबंध लगाकर बबलू सिंह एव मंटू सिंह को नापी करवा कर अवैध कब्जा करवाना चाहते है । वहीं जगतपुर निवासी टुनटुन पासवान ने बताया कि कुछ वर्ष पहले बबलू सिंह के नाम से कुछ माह बाद मंटू सिंह के नाम से तो अब कृष्ण मुरारी सिंह को पार्टी बनाकर के नोटिस किया जा रहा है । उसके इस बात की जानकारी जब हमे मिली तो हम डुमरिया प्रखंड के उनके कार्यालय में इस विषय वस्तु के बारे में जानकारी लेने लगे,तो उन्होंने सच बिहार के पत्रकार rk रंजन एव मगध टीवी चैनैल के अवध कुमार एव संज्ञान न्यूज के पत्रकार रंजीत कुमार के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए हो हल्ला करते हुए पुलिस से हमलोग को गिरफतार करने का भी प्रयास किया। सीईओ ने अपने बिचौलियों से हो हल्ला करवाने लगे ।इसके बाद सी ओ ने डुमरिया थाना के पुलिस को फोन कर हमे गिरफ्तार करने के लिए बुलाई।पुलिस को जब इस बात की मालूम चली तो उन्होंने तुरंत अपने दल बल के साथ पहुंचकर मामले की छानबीन की।पुलिस को जांच के बाद किसी प्रकार की कोई गलत सुराग हाथ नही लगा। ग्रामीण सूत्रों का कहना है यहां इस तरह की घटना सी ओ के द्वारा बराबर घटती रहती है।जो बिल्कुल गलत है, यहां सी ओ के द्वारा मोटी रकम लेकर दूसरे की जमीन से खिलवाड़ किया जा रहा है,जो काफी निंदनीय है।उन्होंने इस घटना को लेकर गया के डीएम से अपने स्तर से उच्च स्तरीय जांच पड़ताल करते हुए दोषी सी ओ के ऊपर कानूनी करवाई करने की मांग की है
अंचल अधिकारी खुद को सच मे मजिस्ट्रेट समझते हैं।