भीषण ठंड से संरक्षित गोवंश को राहत पहुंचाने के लिए नोडल अफसरों ने की आश्रय स्थलों में व्यवस्थाओं की पड़ताल


अफसरों ने आश्रय स्थल में उपलब्ध पैरा, त्रिपाल, जूट बोरे को उपयोगिता को कराया सुनिश्चित
नोडल अफसरों ने गो पालकों को दिए दो-दो कंबल
लखीमपुर खीरी (संज्ञान न्यूज़)। भीषण ठंड, शीतलहरी से संरक्षित गोवंश को राहत पहुंचाने, आश्रय स्थल में मुकम्मल व्यवस्थाओं को सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से डीएम महेंद्र बहादुर सिंह के निर्देश पर सभी तहसीलों में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस के बाद सभी अधिकारी गो आश्रय स्थलों के लिए रवाना हुए।
खीरी के सभी गो आश्रय स्थलों में मुकम्मल व्यवस्थाओं को सुनिश्चित कराने, गोवंशो के संरक्षण, संवर्धन के लिए प्रशासन से जिला, तहसील एवं ब्लॉक स्तर पर नामित नोडल अफसर दो बजे जन सुनवाई समाप्त होने के बाद आवंटित गो आश्रय स्थलों के लिए रवाना हुए, जहां उन्होंने अपनी देखरेख में सभी मुकम्मल व्यवस्थाओं को सुनिश्चित कराया।






यही नहीं मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार सिंह व अपर जिलाधिकारी (वि/रा) संजय कुमार सिंह ने भी स्वयं गो आश्रय स्थल पहुंचकर व्यवस्थाओं की न केवल पड़ताल की बल्कि सभी मुकम्मल व्यवस्थाओं को खड़े होकर सुनिश्चित कराया। इस दौरान उन्होंने गौ सेवकों को दो-दो कंबल भी वितरित किया।
निरीक्षण के दौरान नोडल अधिकारियों ने आश्रय स्थलों में गोवंशो की संख्या के अनुरूप उपलब्ध जूट बोरे, आश्रय स्थल में बिछाने के लिए पैरा का उपयोग सुनिश्चित कराया। यही नहीं अपने सम्मुख आश्रय स्थल में करीब 02 से 03 स्थानों पर और अलाव भी जलवाए। उन्होंने आश्रय स्थल संचालकों को अलाव जलाने की निरंतरता बनाने के लिए निर्देशित किया। अफसरों ने गोवंशो को चारा, गुड़ एवं फल आदि खिलाया। मौजूद पशु चिकित्सा अधिकारियों ने गोवंशो का चेकअप कर उनकी आवश्यकतानुरूप औषधि का सेवन भी कराया।
अफसरों ने आश्रय स्थल से की सीडीओ को व्यवस्थाओं की रिपोर्टिंग
सीडीओ अनिल कुमार सिंह ने बताया कि जिले में संचालित सभी गो आश्रय स्थलों में नोडल अफसरों ने संबंधित पशु चिकित्सा अधिकारियों के साथ दस्तक देकर व्यवस्थाओं को सुनिश्चित कराया है।
शासन की मंशा के अनुरूप शीतलहरी एवं भीषण ठंड से गोवशो को राहत दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं ताकि मुकम्मल व्यवस्थाओं सुनिश्चित कराया जा सके। डीएम के निर्देश पर सभी नोडल अफसरों ने आवंटित गो आश्रय स्थलो पर व्यवस्थाओं की पड़ताल करते हुए अपनी अद्यतन रिपोर्ट भेजी है। सभी आश्रय स्थलों में उपलब्ध संसाधनों के अतिरिक्त पर्याप्त मात्रा में जूट के बोरे, आश्रय स्थल में बिछाने के लिए पैरा, त्रिपाल भी उपलब्ध कराया है।