स्वामी विवेकानंद भारतीय सांस्कृतिक आध्यात्मिक एवं राष्ट्रवादी चेतना के शिखर पुरुष

संवाददाता रज़ा सिद्दीक़ी
गया (संज्ञान न्यूज़) अनुग्रह मेमोरियल महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई एवं दर्शनशास्त्र विभाग द्वारा संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय युवा दिवस स्वामी विवेकानंद जयंती के शुभ अवसर पर स्वामी विवेकानंद जी के विचारों की प्रासंगिकता विषय पर भाषण प्रतियोगिता एवं व्याख्यान का आयोजन किया गयाlकार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं स्वामी विवेकानंद जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। तत्पश्चात नंदनी द्वारा राष्ट्रीय गीत की प्रस्तुति की गई। भाषण प्रतियोगिता में कुल 13 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया निर्णायक मंडल के रूप में उपस्थित डॉ मजहर कीबिरिया, एसोसिएट प्रोफेसर, राजनीति शास्त्र विभाग एवं डॉ दिलीप कुमार सहायक आचार्य पाली विभाग द्वारा दिए गए अंक के आधार पर अमित कुमार, बी.बी.एम प्रथम स्थान , उज्जवल कुमार, इंटरमीडिएट विज्ञान वर्ग, द्वितीय स्थान एवं बलवंत कुमार विज्ञान वर्ग तृतीय स्थान प्राप्त किए। इन सभी प्रतियोगियों को पदक, स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण पत्र देकर पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के द्वितीय भाग में व्याख्यान के अंतर्गत डॉ श्वेता सिंह कार्यक्रम पदाधिकारी एवं विभागाध्यक्ष दर्शनशास्त्र विभाग द्वारा कहा गया कि स्वामी विवेकानंद के जीवन दर्शन को अपनाकर राष्ट्र निर्माण एवं व्यक्तित्व का विकास किया जा सकता है। डॉ पार्थ सारथी सह आचार्य, इतिहास विभाग द्वारा कहा गया कि विवेकानंद मानव में अंतर्निहित शक्तियों के पूर्ण विकास दे सकने वाली शिक्षा को ही वास्तविक शिक्षा मानते थे। वे किताबी ज्ञान की जगह प्रत्यक्ष अनुभूति को महत्व देते थे।वह आध्यात्मिकता एवं सांसारिकता के संतुलन पर बल देते थे।
प्रधानाचार्य डॉ शैलज कुमार श्रीवास्तव ने इस अवसर पर अपने संदेश में कहा कि स्वामी विवेकानंद भारतीय सांस्कृतिक , आध्यात्मिक एवं राष्ट्रवादी चेतना के शिखर पुरुष थे। उनका युवाओं की असीम क्षमता पर दृढ़ विश्वास था। उनका मानना था कि युवा अपने संकल्प और दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर असंभव को संभव कर सकते हैं। स्वामी जी ने भारतीयों को सदियों के निश्चेतना के अंत:गर्भ से बाहर निकाल कर आध्यात्मिक एवं राष्ट्रवादी चेतना का प्रकाश प्रदान किया था। उनके प्रेरक व प्राणवंत संदेशों का अनुकरण कर आज की युवा पीढ़ी अनेक गंभीर चुनौतियों से पार पा सकती है। स्वामी जी के द्वारा प्रतिपादित मानवता और विश्वबन्धुत्व जैसे विचारों की प्रासंगिकता चिरस्थाई है।प्रधानाचार्य ने सभी प्रतियोगियों को बधाई दी एवं उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। एनएसएस में अपनी महत्वपूर्ण योगदान के लिए युवाओं को सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर डॉ राजेश कुमार सिंह प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष इतिहास विभाग डॉ प्रदीप कुमार श्रीवास्तव सह आचार्य एवं अध्यक्ष विधि संकाय, नागेंद्र प्रताप सिंह, सुशील कार्यालय सहायक, विपिन, विपुल, प्रीतम, मनोज, रानी, खुशी, प्रभा, सलोनी, चंदन, समरेश छात्र छात्राएं सहित महाविद्यालय परिवार के लोग उपस्थित है। कार्यक्रम का सफल संचालन प्रिया सिंह छात्रा व्यवसाय विभाग ने किया।
