मिर्जा गालिब कॉलेज के प्रोफेसर इंचार्ज डॉ. सरफराज का विदाई समारोह-।


वक्ताओं ने उनके कार्य की प्रशंसा की. प्रोफेसर नसीम खान बने नये इंचार्ज
संवादाता रज़ा सिद्दीक़ी
गया (संज्ञान न्यूज़) लगभग 40 वर्षों तक इतिहास विभाग के सहायक प्रोफेसर से प्राचार्य तक का मिर्जा गालिब कॉलेज गया में सफर पूरा करने वाले डॉ. सरफराज़ खान आज सेवा मुक्त हो गए. इस अवसर पर मिर्जा गालिब कॉलेज के एमएम हॉल में एक विदाई समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें कॉलेज के तमाम कर्मियों के अलावा, शासी निकाय के सदस्यों, अतिथियों और छात्र-छात्राओं ने अपनी शिरकत दर्ज की. कार्यक्रम का आरंभ कॉलेज की बायोटेक और स्नातक की छात्राएं शालू कुमारी, प्रज्ञा शर्मा,समरीन,कहकशां,जीनत, प्रिया और वजदा तबस्सुम के स्वागत गान से आरंभ हुआ. इस अवसर पर निवर्तमान प्रोफेसर इंचार्ज डॉ सरफराज खान को बुके, शॉल,मोमेंटो, प्रतीक चिन्ह आदि से सम्मानित भी किया गया. साथ ही नए प्रोफेसर इंचार्ज के रूप में डॉ.मोहम्मद नसीम खान को प्रभार दिया गया. इस पूरे कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग के सहायक प्रोफेसर और साहित्यकार डॉ.जियाउर रहमान जाफरी ने किया . इस कार्यक्रम में हामिद जकरिया, डॉ, नुसरत जबीं सिद्दीकी, डॉ. फजलुर्रहमान खान, डॉ, आफ़ताब अहमद खान, प्रो. ऐनुल हक़, प्रो. अब्दुल कादिर, डॉ. शुजाअत अली खान, नवनियुक्त प्रोफेसर इंचार्ज डॉ. नसीम खान, मिर्जा गालिब कॉलेज के सचिव शबी आरफीन शमसी आदि ने अपने प्रोफेसर इंचार्ज डॉ. सरफराज खान के किए गए कार्यों को याद किया. वक्ताओं ने बताया कि डॉ. सरफराज खान बिना थके निरंतर कॉलेज के लिए समर्पित रहते थे. तमाम कार्यरत कर्मचारियों के प्रति उनमें संवेदनशीलता थी.वो सभी के सुख- दुख में बराबर शरीक रहा करते थे. वास्तव में उन्होंने कॉलेज को ऊंचाइयों पर ले जाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की. इस अवसर पर स्वयं डॉ. सरफ़राज़ खान ने कहा कि इस कॉलेज में मुझे जितना प्यार मिला है संभवतः उतना प्यार अपने परिवार से भी नहीं मिल पाता है. उन्होंने कहा कि कॉलेज को उनकी जब भी जरूरत होगी वह हमेशा मौजूद रहेंगे.इस विदाई समारोह का अंत राष्ट्रगान के साथ संपन्न हुआ.