मुरादाबाद के इस नगर में भी ताजमहल बनवा पत्नी को दिया था प्यार का तोहफा।

दिलशाद
मुरादाबाद (संज्ञान न्यूज़)। कुंदरकी/बिलारी। ’एक शहंशाह ने बनवा के हसीं ताजमहल हम गरीबों की मोहब्बत का उड़ाया है मजाक’…फिल्म ताजमहल के लिए लिखे साहिर लुधियानवी के गीत की यह लाइन उन प्रेमियों की खास पसंद होती है जो अमीरी की खाई के कारण अपने प्यार को हासिल नहीं कर पाते। कुंदरकी के छिद्दा खंडसाली ने साहिर की पंक्तियों से प्रभावित हुए बिना अपनी मोहब्बत को यादगार बनाने के लिए अपने घर की छत पर ही ताजमहल (असल ताज की प्रतिकृति) बनवा दिया।मूल रूप से रूपपुर गांव के निवासी और प्रधान रहे छिद्दा खंडसाली ने भी शाहजहां की तर्ज पर यह ताजमहल अपनी बेगम सुल्ताना को प्यार के तोहफे के रूप में समर्पित किया था। छिद्दा खंडसाली वर्ष 2003 में और उनकी पत्नी सुल्ताना वर्ष 2016 में इस दुनिया को अलविदा कह गए लेकिन उनका यह ताजमहल हर साल वेलेंटाइन डे पर युवाओं के बीच चर्चा में आ जाता है। परिवार के लोग बताते हैं कि शादी के बाद छिद्दा खंडसाली पत्नी के साथ आगरा गए थे। वहां ताजमहल के दीदार करने के साथ गाइड से शाहजहां और मुमताज महल के प्रेम की कहानी सुनी। इसके बाद वहां से अपने अलग ताजमहल का संकल्प लेकर लौटे।गांव पहुंचने के कुछ समय बाद कुंदरकी में मुख्य सड़क के किनारे जमीन खरीदी और वर्ष 1968 में परिवार के लिए तीन मंजिला मकान बनवाते समय खुली छत पर इस ताजमहल का निर्माण करवाया।
कुंदरकी के उम्रदराज लोग तो यह भी दावा करते हैं कि ताजमहल के इस छोटे मॉडल की चर्चा फैली तो आगरा के अधिकारियों की एक टीम नगर के दौरे पर आई थी। इस ताजमहल के विषय में जानकारी ली थी।