सीपीआई (एम) के नेतृत्व में अनेक राजनीतिक पार्टियों और संगठनों के प्रतिनिधिमंडल ने हिंदू जन आक्रोश मोर्चा के आयोजकों, वक्ताओं और सहभागी विधायक पर अपराध दायर करने की मांग की।
मुंबई से सटे मीरा-भायंदर शहर में हिंदू जन आक्रोश मोर्चा के कार्यक्रम में काजल हिंदुस्तानी द्वारा दिया गए नफरती बयानों से शहर वासियों में गुस्से का माहौल है। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), आप और शिवसेना (उद्धव ठाकरे) सहित नागरिकों और राजनीतिक दलों का एक प्रतिनिधिमंडल रविवार को मीरा-भायंदर वसई विरार पुलिस आयुक्त से भेंट करके काजल हिंदुस्तानी के घृणास्पद भाषण की जानकारी दी। पुलिस आयुक्त से इस हेट स्पीच की जाँच करने के साथ ही शहर का सांप्रदायिक माहौल खराब करने की कोशिश में लगे वक्ताओं, आयोजकों और विधायक गीता जैन के खिलाफ कार्रवाई करने का भी अनुरोध किया है। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) के के सादिक बाशा, ‘आप’के सुखदेव बानबांसी और शिवसेना (उदधव ठाकरे) के सेबी फर्नांडीस उपस्थित थे। इस शिकायत पर कांग्रेस और एनसीपी के प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर भी हैं।
इन मोर्चों का आयोजन सकल हिंदू समाज द्वारा किया जा रहा है जो हिंदू जनाजाग्रुति समिति, शिव प्रतिष्ठान, हिंदू राष्ट्र सेना और सनातन संस्था जैसे कट्टरपंथी हिंदू संगठनों का जमावड़ा है जिसमे हर जगह भाजपा नेताओं की भागीदारी और समर्थन प्राप्त है। रैली के किए जा रहे भाषणों में लव जिहाद, लैंड जिहाद और मुस्लिमों के बीच आबादी के विस्फोट के सिद्धांत जैसे प्रक्षोभक मुद्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह मोर्चा शुरू में राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों तक ही सीमित था। इसमे मिली सफलता और कार्रवाई की अनदेखी के कारण, अर्ध -शहरी और शहरी क्षेत्रों में मोर्चे आयोजित होने लग गए हैं। घृणित और उत्तेजक भाषणों, झूठी जानकारी और अफवाहों और इस्लामोफोबिक और धर्मांध प्रचार का उपयोग करके सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाने के लिए हर जगह रैली का उपयोग किया जा रहा है। हिन्दू लड़कियों को प्यार में फंसाकर उनके मुस्लिम धर्मांतरण (लव जिहाद) की साजिश का प्रसार, मुसलमानों द्वारा हिंदुओं के स्वामित्व वाली सार्वजनिक भूमि और संपत्ति पर अतिक्रमण करने का आरोप (लैंड जिहाद) और मुस्लिम समाज का आर्थिक बहिष्कार इन मोर्चों के केन्द्रीय मुद्दे हैं। हर जगह,वक्ता हिंदुओं और मुसलमानों के बीच स्थानीय विवादों को अपने एजेंडे से जोड़कर भाषण दे रहे हैं।
मीरा-भायंदर शहर व विभिन्न जगहों पर हुए भड़काऊ भाषणों को देखते हुए, ऐसा लगता है कि पुलिस अधिकारी सख्त कार्रवाई आपराधिक कृत्यों के लिए मुकदमा शुरू करने के बजाय उन्हें अनदेखा कर रहे हैं। राज्य में भाजपा की सरकार के चलते कट्टरपंथी संगठनों को अपने कार्यक्रमों व रैलियों को निर्बाध करने की अनुमति दे रहे हैं। हिंदू जन आक्रोश मोर्चा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। प्रतिनिधिमंडल ने काजल सिंघला के भाषण के अंश मीरा भायंदर – वसई विरार पुलिस आयुक्त श्री मधुकर पांडे को सौंपे। पुलिस आयुक्त ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन करके कार्यक्रम की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई है। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि शिकायत पर कानूनी सलाह प्राप्त की जाएगी और पुलिस कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। वहीं प्रतिनिधिमंडल ने एक एफआईआर दर्ज की और नफरत करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
काजल सिंघला (हिंदुस्तानी) ने 7 मार्च, रविवार, रविवार को मीरा रोड में एसके स्टोन ग्राउंड में एक सार्वजनिक रैली में मुस्लिम और ईसाई समुदाय के मुस्लिम और ईसाई समुदाय के खिलाफ एक घृणित भाषण दिया। उन्होने मीरा-भायंदर में उसने न केवल मुस्लिम समुदाय से आर्थिक रूप से बाहर होने का आग्रह किया, बल्कि अपमानजनक शब्दों का भी इस्तेमाल किया। रैली और भाषण को विधायक गीता जैन, पूर्व भाजपा विधायक नरेंद्र मेहता, भाजपा नगरसेवक रवि व्यास और मनसे नेता संदीप राणे और शिवसेना (ठाकरे) नेता शैलेश पांडे ने समर्थन दिया। अपने भाषण में, काजल हिंदुस्तानी ने हेट स्पीच, धमकी और