वृद्धों का सहारा बने अनूप, सबसे कम उम्र में वृद्धाश्रम खोलने का बनाया रिकार्ड

नई दिल्ली ( संज्ञान न्यूज़)। समाज में किसी असहाय को सहारा देना सबसे बड़ा पुण्य है। जिन लोगों ने अपना पूरा जीवन परिवार और समाज को दे दिया है, उन्हें वृद्धावस्था में इधर-उधर की ठोकर खानी पड़े, इससे बुरा कुछ नहीं हो सकता है। इसी विचार के साथ दिल्ली के अनूप ने 2019 में पहले एक ट्रस्ट स्थापित किया और फिर उसके तहत एक वृद्धाश्रम पंजीकृत कराया था। 15 सितंबर, 1996 को जन्मे अनूप ने उस समय मात्र जीवन के 24वें वर्ष में कदम रखा था। अब उनके इस प्रयास को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। वर्ल्ड्स ग्रेटेस्ट रिकॉर्ड ने उनका नाम सबसे कम उम्र में वृद्धाश्रम संचालित करने वाले व्यक्तित्व के रूप में दर्ज किया है।
बचपन से ही पिता से विशेष लगाव रखने वाले अनूप ने पिता के असमय निधन के बाद समाज के लिए कुछ करने की ठान ली थी। पिता के नाम पर ही उन्होंने 15 सितंबर, 2019 को ‘रतन राज सेवा ट्रस्ट’ की स्थापना की। ट्रस्ट की स्थापना के साथ ही मानों उन्हें जीवन का उद्देश्य मिल गया। जिस उम्र में युवा दिशाहीन होकर भटक रहे होते हैं, उस उम्र में अनूप ने अपने लिए बड़ी जिम्मेदारी तैयार कर ली थी। कोविड-19 महामारी के भीषण दौर में उन्होंने अपने ट्रस्ट के माध्यम से भूखों को भोजन कराने का बीड़ा भी उठाया था और अगणित लोगों की सहायता की। दूसरी ओर वृद्धाश्रम के रूप में समाज के आधार कहे जाने वाले वृद्धों के लिए सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करने की दिशा में प्रयास प्रारंभ कर दिया। इस प्रयास को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलना एक सुखद अनुभव है।
अनूप अपनी सफलता का श्रेय अपने सहयोगियों और मित्रों को देते हैं। वह कहते हैं, ‘जीवन में कुछ भी प्राप्त करने के लिए सभी के सहयोग की आवश्यकता होती है। माता और पिता की प्रेरणा के साथ दोस्तों के सहयोग और उनसे मिले समर्थन ने मुझे सदैव शक्ति दी है। आज उनकी बदौलत ही मेरे लिए यह कर पाना संभव हुआ है। मैं यह सम्मान अपने उन सहयोगियों को समर्पित करना चाहता हूं।’ दोस्तों की बात हो तो अनूप अपने मित्र भूपिंदर सिंह को कभी नहीं भूलते हैं, जिन्होंने हर उतार-चढ़ाव में उनका सदैव साथ दिया है। अनूप कहते हैं, ‘भावना, सुशील, प्रीति, योगेश कौशिक, राजेश कुमार, राहुल परमार, कमल अरोड़ा और अनुज शर्मा जैसे मित्रों के सहयोग के बिना भी इस सफलता की कल्पना नहीं की जा सकती थी।’

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