गया नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं पूर्व उपमहापौर के बंधन से निगम को मुक्त करने की मांग।

संवाददाता रज़ा सिद्दीक़ी

गया (संज्ञान न्यूज़) गया नगर निगम में हो रही घोटालों के विरोध में लगभग 2 दर्जन से अधिक वार्ड पार्षदो ने धरना दिया। वार्ड पार्षदों ने कहा कि वर्तमान मेयर और उपमेयर पूर्व उपमेयर के हाथ का खिलौना है।
उक्त अवसर पर वार्ड पार्षदों ने कहा कि गया नगर निगम के पूर्व उपमहापौर ओंकार नाथ उर्फ मोहन श्रीवास्तव के बन्धन से मुक्त करने की मांग करते हुए कहा कि निगम के वार्ड पार्षद पद से चुनाव हार कर भी निगम से मोह भंग नहीं हो रहा है।उसका एक मात्र कारण है गया नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार से अर्जित धन से मोह भंग नहीं हो रहा है। वार्ड पार्षदों ने आरोप लगाते हुए कहा कि अबतक 2007से लेकर 2022 तक अरबों रुपये की समान खरीदी कर कचरा कर दिया गया है । उसके बाबजूद भी नए नए उपकरणों की खरीदारी करने का आदेश जारी कर दिया जाता है।
पूर्व में ख़रीदी गईं उपकरणों का कोई उपयोगिता नही दिख रहा है। श्मशान घाट में लगभग पांच करोड़ रुपये की लागत से निर्मित आधुनिक शवदाह गृह आज कचड़ा बनकर रह गया है, आज भी नदी में लोग शव जला रहे हैं।
ब्रह्म सरोवर तालाब में रंगीन म्यूजिकल झरना के निर्माण में लगभग पांच करोड़ रुपये से बना कर जनता के टैक्स के पैसों को पानी में बहा दिया गया।
वहीं राजेन्द्र पार्क पहसी मोड़ पर किया गया है उसमें भी भारी भ्र्ष्टाचार देखा जा सकता है। जब जब नगर आयुक्त श्रीमती अभिलाषा शर्मा जांच करने की प्रक्रिया शुरू करते हैं तो उनको हरिजन ऐक्ट में केस दर्ज कराने की धमकी दिया जाता है।
आज इनलोगों के कारण ही गया नगर निगम बदहाल है।

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