नोडल अफसर ने फूलबेहड़, पलिया में देखा आश्रय स्थलों का सूरत ए हाल, परखी व्यवस्थाएं।

प्रांजल श्रीवास्तव

लखीमपुर खीरी (संज्ञान न्यूज़)। गुरुवार को जनपदीय नोडल अधिकारी अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी उप्र (वरिष्ठ आईएएस) श्रीश चंद्र वर्मा ने अपने जनपद भ्रमण के दूसरे दिन अपर निदेशक (पशुपालन) डॉ पीएन सिंह के साथ ब्लॉक फूलबेहड़, पलिया के विभिन्न गो आश्रय स्थलों का स्थलीय भ्रमण कर व्यवस्थाओं की पड़ताल की।

नोडल अधिकारी ने स्थलीय भ्रमण करते हुए निराश्रित गोवंश संरक्षण, भरण-पोषण, भूसा संग्रहण, जनपद में किए कार्यों के प्रभावी क्रियान्वयन, अनुश्रवण किया। नोडल ब्लॉक फूलबेहड़ की वृहद गो आश्रय स्थल बसेगापुर पहुंचे, जहां उन्होंने अभिनव प्रयोग के तहत विकसित नंदी शाला को देखा। प्रशासन के इस कांसेप्ट को सराहा। निरीक्षण में आश्रय स्थल में 491 नंदी को संरक्षित मिले। निर्देश दिए कि अन्य आश्रय स्थलों को भी इसी प्रकार विकसित करे, ताकि शेष मादा गोवंश का भी संरक्षण हो सके और शासन की मंशानुरूप आमजन को राहत मिल सके।

नोडल अधिकारी ने तहसील व ब्लाक पलिया क्षेत्र अंतर्गत संचालित को नगरीय निकाय द्वारा संचालित गो आश्रय स्थल ढाका सहित गो आश्रय स्थल परसईया, बसंतापुर का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं की पड़ताल की। निरीक्षण में गो आश्रय स्थलों में चाक-चौबंद एवं मुकम्मल पाई गई।निरीक्षण के दौरान अफसरों ने गोवंश की वास्तविक संख्या, सुपुर्दगी में दिये गये गोवंश की संख्या का अभिलेखों से मिलान करते हुए सत्यापन किया। प्रत्येक गौशाला में पानी, चारे एवं समुचित पशु चिकित्सीय सुविधाओं की स्थिति देखी, जो संतोषजनक मिली।

नोडल अधिकारी ने गो आश्रय स्थल परसैया के निरीक्षण के दौरान पांच नवजात गोवंश देख न केवल प्रसन्नता जताई बल्कि उन्हें दुलारा। उन्होंने निर्देश दिए कि पशुपालन की टीम इनकी प्रॉपर मॉनिटरिंग करें। इस दौरान उन्होंने स्वयं गोवंश को चारा खिलाया। नोडल ने सरकार की प्राथमिकता में शामिल गोवंश के पालन पोषण पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि सभी गोआश्रय स्थलों में पशुओं की अच्छी तरह से देखभाल की जाएं। साथ ही गोवंश के लिए हरा चारा, भूसा, पानी व चिकित्सा और अन्य प्रकार की सुविधाओं के और अधिक पुख्ता इंतजाम करें, जिससे गोवंश को किसी भी प्रकार की समस्या न हो। इस दौरान उन्होंने गोवंश की संख्या का रिकॉर्ड से सत्यापन भी किया। निरीक्षण के दौरान सीवीओ डॉ सोमदेव सिंह, एसडीएम कार्तिकेय सिंह, बीडीओ अरुण सिंह, क्षेत्रीय पशु चिकित्सा अधिकारी मौजूद रहे।

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