खीरी का ये सरकारी स्कूल बना ‘गरीब बच्चों का कान्वेंट’

प्रधानाध्यापक की रंग लाई मेहनत, सप्ताह का सर्वश्रेष्ठ विद्यालय बना यूपीएस रवही मुबारकपुर

प्रांजल श्रीवास्तव

लखीमपुर (संज्ञान न्यूज़)। बच्चों के विकास में अध्यापकों और अभिभावकों की अहम भूमिका होती है। उनकी कोशिश बच्चे का भविष्य संवार सकती है। इसकी झलक दिखती है विकास खंड नकहा के उच्च प्राथमिक विद्यालय रवही मुबारकपुर में। यहां के अध्यापक और एसएमसी सदस्यों ने अपनी मेहनत के दम पर इस विद्यालय की तस्वीर बदल दी है। डीएम की अभिनव पहल “best school of the week” के तहत इस सप्ताह का सर्वश्रेष्ठ विद्यालय बनने का खिताब अपने नाम दर्ज किया।

शैक्षणिक, अन्य पाठ्य सहगामी गतिविधियों में बेहतरीन प्रदर्शन कर खीरी जिले के यूपीएस रवही मुबारकपुर, ब्लॉक नकहा ने एक उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में अपनी पहचान बनाई। प्रधानाध्यापक सुनील वर्मा के नेतृत्व में 08 सदस्यीय शिक्षक टीम निष्ठा, मनोयोग से काम कर रही, जिससे विद्यालय निरन्तर प्रगति पथ पर अग्रसर है। विद्यालय का वर्तमान नामांकन 508 है, जो कि विगत चार शैक्षिक सत्रों 2021-22 में 499, 2020-21 में 464, 2019-20 में 464, 2018-19 में 436 में सर्वाधिक है। विद्यालय पूरे जनपद में बेहतरीन शिक्षण व्यवस्था, विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरीन उपलब्धियों के लिए जाना जा रहा है।

स्कूल में बेहतर पढ़ाई और अच्छा माहौल मिलने से अभिभावकों का विश्वास बढ़ा है। कई गाँवों के लोग अपने बच्चों का नाम यहां लिखवाने लगे हैं। राष्ट्रीय अविष्कार अभियान की जिला स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी/ प्रतियोगिता में 2022-23 में विद्यालय के छात्र रचित वर्मा ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। “परीक्षा पर चर्चा” कार्यक्रम में विद्यालय के चयनित विज्ञान मॉडल के प्रस्तुतीकरण के लिए विद्यालय के बच्चे को लखनऊ आमंत्रित किए गए। स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार 2021-22 में विद्यालय ने चार स्टार रेटिंग अर्जित कर जनपद स्तर पर अपनी पहचान बनाई। उड़ान प्रतियोगिता में विद्यालय की बालिका ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। सभी बच्चे यूनिफॉर्म में ही विद्यालय आते है।

प्रधानाध्यापक सुनील वर्मा बताते कि गांव की भावी पीढ़ी के अंदर शिक्षा का दीपक जलाने के लिए वह पूरी तरह संकल्पित हैं और उसका यही प्रयास है कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न हो। स्कूल के बच्चे काफी होनहार है। इनमें काफी टैलेंट है। वैसे भी हमारा प्रयास है कि विद्यालय के नौनिहालों को कांवेंट स्कूल की तरह सुविधाएं मिले। उनका समुचित विकास हो सके। आगे की पढ़ाई के दौरान उन्हें कोई दिक्कतों का सामना न करना पड़े, ये हमारी कोशिश है। ”

मीना मंच से जगाई शिक्षा की अलख
महिला सशक्तिकरण, बालिका शिक्षा के क्षेत्र में विद्यालय में मिशन शक्ति, मीना मंच का प्रभावी तरीके से संचालित है, जिससे महिलाओं, छात्राओं में अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ी है।स्कूल का मीना मंच एकदम अलग महत्व रखता है। इस मंच से गाँव में बालिका शिक्षा की ऐसी अलख जगी है कि गाँव की अधिकांश लड़कियां शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। मीना मंच की लड़कियां ग्रामीणों को जागरूक भी करती हैं। ग्रामीणों को सफाई का महत्व समझाती हैं। इसके लिए वे गांव में रैली भी निकालती हैं।

बच्चों के लिए है स्मार्ट साइंस लैब
संसाधनों से भरपूर विज्ञान प्रयोगशाला में शिक्षिका नीता बरनवाल रोचक गतिविधियों से विज्ञान शिक्षण कराती है। 500 पुस्तकों से भी अधिक पुस्तकों से समृद्ध पुस्तकालय का सक्रिय संचालन बाल पुस्तकालय समिति करती है। सभी कक्षा कक्ष स्तरानुसार प्रिंट रिच मैटेरियल, टीएलएम से समृद्ध है। सभी कक्षाओं, विषयों में प्रभावी शिक्षण योजनाओं से रोचक विधियों के जरिए शिक्षण कार्य किया जा रहा है। न्यून अधिगम स्तर वाले बच्चों के उपचारात्मक शिक्षण के लिए विशेष कक्षाओं का भी संचालित है। निपुण भारत अभियान में विद्यालय के 40 प्रतिशत से अधिक बच्चों ने निपुण लक्ष्य प्राप्त कर चुके है।

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