चरित्र प्रमाण-पत्र की वैधता सीमा पुनः दो वर्ष हुई
शासन के निर्देश पर डीएम ने जारी किया आदेश
आवेदक को देना होगा स्वप्रमाणित घोषणा पत्र
घनश्याम
लखीमपुर खीरी (संज्ञान न्यूज़)। नवीन शासनादेश के अनुपालन में जनपद खीरी में 15 अप्रैल की तिथि के बाद निर्गत, हस्ताक्षरित किए जाने वाले प्रारूप पीडब्ल्यूडी टी-4 पर जारी चरित्र प्रमाण-पत्रों की वैधता की सीमा पुनः दो वर्ष कर दी गई है। उक्त आशय की जानकारी डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने दी।
उन्होंने बताया कि प्रमुख सचिव उप्र शासन, लखनऊ द्वारा प्रदेश में माफिया गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए मार्गदर्शक सिद्धान्त के अंतर्गत मा. उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश में प्रदत्त निर्देशों के अनुपालन में पूर्व में शासन द्वारा निर्गत उक्त शासनादेशों में दी गयी व्यवस्था के दृष्टिगत राजकीय कार्यों का अनुबन्ध प्राप्त करने के लिए संभावित निविदादाताओं, नीलामी में भाग लेने वालों को प्रारूप पीडब्लूडी- टी-4 पर दिये जाने वाले चरित्र प्रमाण पत्र निर्गत करते समय निर्देशानुसार कार्यवाही सुनिश्चित किए जाने के लिए निर्दिष्ट बिन्दुओं के बिन्दु संख्या-चार में “यह प्रमाण पत्र सामान्यतः दो वर्ष के लिए मान्य होने का निर्देश निर्गत किया है।
डीएम ने बताया कि आवेदक को इस आशय का स्वघोषित प्रमाण पत्र भी देना होगा कि उसके विरूद्ध सम्पूर्ण भारतवर्ष के किसी थाने में अपराधिक मुकदमा दर्ज नही है और न ही किसी न्यायालय में विचाराधीन है। यह प्रमाण-पत्र दो वर्ष के लिए मान्य होगा। इस अवधि में यदि आवेदक किसी आपराधिक घटना में संलिप्त होता है अथवा प्रार्थी के विरूद्ध कोई अपराधिक मुकदमा दर्ज होगा या वह किसी संगठित अपराध में या माफिया गतिविधियों में या असामाजिक गतिविधियों में पकड़ा जाता है तो पुलिस विभाग का यह उत्तरदायित्व होगा कि इसकी सूचना वह उन्हें तथा संबंधित विभाग के अधिकारियों को देगा और प्रमाण-पत्र तत्काल निरस्त किया जायेगा।
डीएम ने सभी उप जिला मजिस्ट्रेट, पुलिस क्षेत्राधिकारियों को उपरिसंदर्भित शासनादेश में उल्लिखित निर्देशों का अनुपालन करते हुये सर्वसम्बन्धित को अवगत/अनुपालन कराये जाने की कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।