Nitin Gadkari का ऐलान, Toll Tax के लिए नया सिस्टम होगा, जानिए आपके ऊपर क्या असर होगा।

New Delhi Sangyan News- Toll Tax New Rules : एनएचएआई के विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि टोल संग्रह के लिए वाहनों में GPS को अनिवार्य करने की दिशा में कुछ कड़े प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए। हो सके तो इसे वाहन बीमा से जोड़ा जाए।

आने वाले दिनों में देशभर से टोल प्लाजा (Toll Plaza) हटाए जा सकते हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय टोल संग्रह के लिए नई तकनीक के इस्तेमाल की दिशा में आगे बढ़ रहा है। स्वचालित नंबर प्लेट पहचान प्रणाली (Automatic number plate recognition system) और GPS आधारित टोल संग्रह प्रणाली को अगले कुछ महीनों में लागू किया जाना है।इस बीच, National Highways Authority of India (NHAI) के विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि टोल संग्रह के लिए वाहनों में जीपीएस अनिवार्य करने की दिशा में कुछ कड़े प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए। हो सके तो इसे वाहन बीमा से जोड़ा जाए। यानी जीपीएस लगे होने पर ही वाहन का बीमा कराना चाहिए।

दरअसल, फिलहाल फास्टैग के जरिए टोल कलेक्शन किया जा रहा है, लेकिन जीपीएस और ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन सिस्टम के जरिए टोल कलेक्शन शुरू होने पर सभी टोल नाकों को हटाना होगा. एनएचएआई का मानना है कि देश में बड़ी संख्या में लोग टोल से बचने के लिए वाहन में जीपीएस नहीं लगाएंगे या नंबर प्लेट को किसी कपड़े या कागज से नहीं ढकेंगे।इसी तरह कई लोग हेराफेरी कर टोल से बचना चाहेंगे। ऐसे में नई व्यवस्था के जरिए टोल वसूली की पुख्ता व्यवस्था की जाए। हर वाहन में जीपीएस लगाने के लिए बीमा की अनिवार्य शर्तों में जीपीएस को जोड़ा जाना चाहिए। यदि किसी वाहन में GPS नहीं है और वह सक्रिय नहीं है, तो उसका बीमा नहीं कराया जाना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति वाहन से जुड़े बटुए में टोल के हिसाब से पर्याप्त बैलेंस नहीं रखता है तो उस पर भी जुर्माना लगाने की व्यवस्था की जानी चाहिए।समय बचाने की कवायद: मंत्रालय चाहता है कि उसके सभी राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर टोल प्लाजा के कारण लोगों की यात्रा में देरी न हो। वर्तमान में फास्टैग के माध्यम से टोल वसूली के कारण टोल पर लगने वाले समय में कमी आई है।

इस तरह वसूली योजना
GPS के जरिए यह पता चलेगा कि नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे पर वाहन ने कितने किलोमीटर की दूरी तय की है। उसके बाद कैमरों के जरिए वाहन की नंबर प्लेट को स्कैन किया जाएगा। जो सिस्टम को बताएगा कि गाड़ी में किस कंपनी का फास्टैग वॉलेट लगा है। उसके बाद दूरी के हिसाब से टोल कटेगा।

ये नए काम हो सकते हैं
● नए सिस्टम से अगले एक वर्ष में सभी वाहनों में जीपीएस लगाना अनिवार्य होगा।

● नए वाहनों में ऑटोमोबाइल कंपनियों द्वारा जीपीएस लगाना पूरी तरह से अनिवार्य होगा।

● परिवहन विभाग जीपीएस ट्रैकर के आधार पर ही वाहन का पंजीकरण नंबर जारी करेगा।
● फास्टैग वॉलेट में पर्याप्त बैलेंस रखना होगा। पैसा न होने पर एक से दो सप्ताह का समय मिलेगा।

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