संदीप ने स्कूल को बना दिया आम से खास।

कान्वेंट की तर्ज पर आगे बढ़ रहा संविलियन विद्यालय मटहिया बैलहा

प्रांजल श्रीवास्तव

लखीमपुर खीरी(संज्ञान न्यूज़)। …कौन कहता है कि आसमान में छेद नहीं हो सकता है, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों’ दुष्यंत कुमार की यह लाइनें संविलियन विद्यालय मटहिया (बैलहा) की इं. प्रधानाध्यापक संदीप चौरसिया पर सटीक बैठती हैं। मात्र कुछ सालो में स्कूल में गुणवत्तायुक्त शिक्षा ही नहीं दी बल्कि विद्यालय का माहौल भी बदल दिया। डीएम की अभिनव पहल “best school of the week” के तहत इस सप्ताह का सर्वश्रेष्ठ विद्यालय बनने का खिताब अपने नाम दर्ज किया।

बेसिक शिक्षा विद्यालयों में नौनिहाल स्वयं को निजी विद्यालय के बच्चों से कमतर न समझें। इसके लिए डीएम महेंद्र बहादुर सिंह की प्रेरणा, मार्गदर्शन में जिले के शिक्षक मेहनत, समर्पण से परिषदीय विद्यालयों का स्तर उठाने में लगे हैं। निघासन ब्लॉक का संविलियन विद्यालय मटहिया (बैलहा) का माहौल हर किसी को आकर्षित करता है। शिक्षिको ने स्कूल के भौतिक, शैक्षिक परिवेश को शानदार बनाकर नजीर पेश की। विद्यालय में बाला मॉडल पेंटिग, टीएलएम, बाल संसद, शैक्षिणेत्तर गतिविधियां, दो-दो स्मार्ट क्लासेज, लर्निंग कार्नर, लाइब्रेरी, कक्षा-कक्ष सज्जा, विद्युतीकरण, हरा-भरा कैंपस विद्यालय को अनूठा बनाता है। बच्चों का नामांकन वर्तमान में 210+ है। कक्षाए को प्रिंटरीच मटेरियल से सुसज्जित है। संदीप ने अपनी मेहनत से विद्यालय के भौतिक परिवेश को इस कदर बदला कि लोग आज कहने को मजबूर हैं कि वाह वाह क्या बात है।

इं. प्रधानाध्यापक संदीप चौरसिया बताते हैं कि विद्यालय में उनकी सेवाएं 2015 से एक विज्ञान अध्यापक के रूप में एक बंद विद्यालय खोलने से शुरू हुई। 2019 में विद्यालय के संविलियन के बाद विभागीय सहयोग के अलावा उन्होंने कुछ व्यक्तिगत प्रयासों से विद्यालय का कायाकल्प करने में सफलता अर्जित की। तबसे ये सफर जारी है। संदीप ने स्टाफ से समन्वय कर बच्चों को विद्यालय व शिक्षा से जोड़ने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर कई प्रयास शुरू किए। वह बच्चों को खेल-खेल में इस प्रकार पढ़ाते हैं कि बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ आनंद की अनुभूति हो।

वाइट बोर्ड पर मार्कर से पढ़ाते हैं संदीप
शिक्षक संदीप चौरसिया ने इं. प्रधानाचार्य का दायित्व संभालते ही विद्यालय में श्यामपट्ट प्रथा को विराम लगाकर कॉन्वेंट स्कूलों की तर्ज पर वाइट बोर्ड पर मारकर से पढ़ाना शुरू किया। यही नहीं वह बच्चों को भी स्टाफ के सहयोग से कॉन्वेंट स्कूलों की तर्ज पर ट्रेंड कर रहे हैं। इसी का नतीजा है कि वहां के बच्चे किसी कॉन्वेंट स्कूलों से कमतर नहीं है। इस वर्ष 10 बच्चो को स्पेशल क्लास देकर नवोदय परीक्षा हेतु ट्रेंड किया गया है।

मन मोह रही विद्यालय की हरियाली, संदीप ने विद्यालय को बनाया हरा-भरा
निघासन से आठ किलोमीटर दूर झंडी रोड पर स्थित संविलियन विद्यालय मटहिया (बैलहा) इन दिनों अपनी खूबसूरती, हरियाली, पठन पाठन के लिए चहुओर सराहा जा रहा। संदीप ने अपनी मेहनत, सहायक अध्यापक आदित्य व अनुराग के सहयोग से यहांतक का सफर तय किया। संदीप ने अपने मेहनत और काम करने के तरीके से स्कूल को किसी निजी स्कूल की तरह हरा भरा और सुंदर बना दिया है। स्कूल परिसर में पहुंचते ही बरबस लोग आकर्षित हो जाते हैं।

स्मार्ट क्लास से स्मार्ट बन रहे विद्यार्थी, स्कूल बन रहा निपुण
संविलियन विद्यालय मटहिया बैलहा में प्रोजेक्टर, एलईडी के जरिए नौनिहालों को पढ़ाई में होशियार बनाना जा रहा है। साथ ही विषयों की पढ़ाई में नवाचार का प्रयोग किया जा रहा है, ताकि परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा का अच्छा वातावरण बने और छात्रों की संख्या में इजाफा हो। डिजिटल क्लास में पढ़ने को लेकर छात्र-छात्राओं में उत्साह रहता है। प्रोजेक्टर पर कहानी कार्टूनों के साथ चलने पर छात्र -छात्राओं को जल्दी याद हो रहा है। यह विद्यालय निपुण बनने की श्रंखला में खड़ा है।

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