पहलवान बेटियों, मणिपुर हिंसा, पुलवामा हमले, अडानी महाघोटाले पर प्रधानमंत्री चुप्पी तोड़े _ कांग्रेस

संवाददाता रज़ा सिद्दीक़ी गया (संज्ञान दृष्टि) बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह क्षेत्रीय प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिठू, पूर्व विधायक मो खान अली, जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष राम प्रमोद सिंह, बाबूलाल प्रसाद सिंह, शिव कुमार चौरसिया, उदय शंकर पालित, दामोदर गोस्वामी, प्रद्युमन दुबे , शिव कुमार चौरसिया, टिंकू गिरी, विपिन बिहारी सिन्हा, कुंदन कुमार, विशाल कुमार, मो समद, असरफ इमाम, सुरेंद्र मांझी, रूपेश चौधरी, राहुल चंद्रवंशी, अमर चंद्रवंशी, विनोद उपाध्याय, सुजीत कुमार गुप्ता, राजेश अग्रवाल, आदि ने प्रधानमंत्री से कई दिनों से दिल्ली के जंतर, मंतर पर धरने पर बैठे पहलवान बेटियां, मणिपुर में फैली हिंसा, जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल द्वारा पुलवामा हमले पर किए गए खुलासा, तथा महीनो से संसद से सड़क तक अडानी समूह महाघोटाला की जे पी सी मांग पर चुप्पी तोड़ने का आग्रह किया है। नेताओ ने कहा की देश की महिला पहलवानों द्वारा लगातार कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को अभी तक केंद्र सरकार अनसुनी किए हुए है, जबकि माननीय प्रधानमंत्री जी दिन, रात महिला सशक्तिकरण की बाते करते है, परंतु इस मामले पर महीनो से चल रहे हंगामा के बाद भी कुछ नहीं बोले है। दूसरी बात मणिपुर हिंसा में सैकड़ों लोगों की हत्या, आगजनी, मारपीट , अशांति के बारे में प्रधानमंत्री जी का अभी तक कोई बयान नहीं आना बेहद चिंतनीय एवम् गंभीर विषय है। जम्मू कश्मीर के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक जी द्वारा पुलवामा हमले पर सनसनी खेज बाते करने से देशवासियों के मन में तरह, तरह की बाते उठ रही है, जिस पर भी अविलंब केंद्र सरकार को जवाब देनी चाहिए। सबसे अहम बात अडानी प्रकरण महाघोटाले की है, जिसकी जेपीसी जांच की मांग को लेकर कांग्रेस पार्टी के सर्वमान्य नेता राहुल गांधी जी द्वारा संसद में जोरदार ढंग से इस संबंध में बाते रखने, ताजा कांग्रेस पार्टी सहित सभी समान विचारधाराओं के विपक्षी दलों का सांसद से सड़क तक लगातार आंदोलन करने के बाद भी प्रधानमंत्री इस संबंध में एक शब्द भी बोलना मुनासिब नहीं समझा। नेताओ ने कहा की अब देश की महान जनता छद्म राष्ट्रवाद, तथा धर्मवाद से गुमराह होने के बजाय भ्रष्टाचार, मंहगाई, बेरोजगारी , घोटाला , तथा देश की गंभीर मामले पर प्रधानमंत्री जी बाते सुनना चाहती है।

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