डॉक्टर की लापरवाही से वरिष्ठ पत्रकार दिवाकर शास्त्री के बच्चे की हुई मौत जिम्मेदार कौन


सीतापुर में वरिष्ठ पत्रकार दिवाकर शास्त्री के बच्चों को तेज बुखार आ जाने के कारण दिवाकर शास्त्री द्वारा डॉक्टर सुनील वैश्य को दिनांक 10/06/ 2023 को समय लगभग 11:50 बजे दिखाया गया डॉक्टर ने बच्चे का इलाज किया और सारी दवाई अपने यहां स्थित मेडिकल स्टोर से ही लेने को कहा प्रार्थी द्वारा डॉक्टर की फीस देने के उपरांत उन्हीं के मेडिकल स्टोर से दवा खरीद ली गई जैसे ही इलाज करने के बाद बच्चा घर पहुंचा बच्चों के पूरे शरीर पर छाले पड़ गए उसके बाद प्रार्थी द्वारा डॉक्टर सुनील वैश्य को अवगत कराया गया तो उन्होंने कहा कि किसी अच्छे डॉक्टर को दिखा लो डाक्टर द्वारा बताया गया कि मैं तो आपको ही अच्छा डॉक्टर समझ कर दिखाया था तो मैं अब जाकर किसको दिखाऊं और आपकी दवा से मेरे बच्चे को जो इंफेक्शन हुआ है। डॉक्टर ने बताया कि मैं डॉक्टर हूं मैंने इलाज किया है बच्चा मरे या जिंदा रहे इससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है यदि हमारी दवा समझ में नहीं आती तो किसी दूसरे को जाकर दिखा लो बच्चे की हालत लगातार बिगड़ती रही डॉक्टर सुनील वैश्य की घोर लापरवाही एवं गलत इलाज के कारण बच्चों की हालत अत्यंत बिगड़ गई प्रार्थी ने बीसीएम अस्पताल में अपने बच्चों को ले जाकर एडमिट कराया तो पता चला गलत दवा होने के कारण साइड इफेक्ट हो गया है इसलिए पूरे शरीर पर छाले पड़ गए हैं पूर्व में जो डॉक्टर के द्वारा दवा दी गई थी वह दवा काफी गर्म थी जिससे बच्चों के फेफड़ों में इंफेक्शन हो गया और वहां पर 24 घंटा एडमिट होने के बाद प्रार्थी का बच्चा नहीं बच सका प्रार्थी शासन व प्रशासन से गुहार लगा रहा है कि डॉक्टर सुनील वैश्य पर तत्काल जांच करवा कर डॉक्टर के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत करवाने की कार्रवाई की जाए जिससे अन्य बच्चों के साथ ऐसी पुनरावृत्ति ना हो सके जब सीतापुर के वरिष्ठ पत्रकार दिवाकर शास्त्री के बेटे के साथ ऐसी घटना हो सकती है तो आम जनमानस के साथ डॉक्टर किस प्रकार पेश आते होंगे यह भी एक सोचने का विषय है ।

