विओम के सार्थक प्रयास से रोशन हुई एक और जिंदगी

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केंद्रीय राज्यमंत्री के असरदार पत्र ने बनाई राह आसान

( अनिल कुमार श्रीवास्तव)

लखीमपुर खीरी (संज्ञान न्यूज़)। स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार अपनी सेवाओं एवं सुझाव से ठिठकती छिटकती जिंदगियों को दौड़ाने में प्रयासरत विओम फाउंडेशन ने एक और जीवन को जीवंत करने का सार्थक प्रयास करते हुए समाज के सामने प्रेरणादायी मिसाल पेश की है।
क्षेत्रफल की दृष्टि से सूबे के सबसे बड़े पर्यावरण संपदा से भरे जिले लखीमपुर खीरी में ह्रदय रोग इलाज की समुचित व्यवस्था न होने से ह्रदय रोगी वी के श्रीवास्तव को शहर दर शहर भटकने के बाद पता चला कि उनका दिल गम्भीर अवस्था मे है और राजधानी लखनऊ से उन्हें राष्ट्रीय राजधानी के ऐम्म्स हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया। पूरे जिले में दिल का डॉक्टर न होने की वजह से शुरुआती ट्रीटमेंट नही हो पाया, और जब लखनऊ में बीमारी का पता चला तो उपचार था सिर्फ दिल मे वाल्व डालने का वह भी दिल्ली में।

खीरी जिले के बिजुवा से निकले जिजीविषा के धनी ह्रदय रोगी श्री श्रीवास्तव जब दिल का इलाज करवाने दिल्ली पहुंचे तो एम्स की भीड़ और अनजान शहर ने इनको तनिक विचलित किया। ऐसी दशा में उस अजनबी शहर में भीड़ को चीरते हुए इनकी सेहत समर के सारथी के रूप में विओम फाउंडेशन ने इनकी मंजिल को आसान बनाने का निश्चय किया।
बताते चले लखीमपुर के मरीजों को अपने सुझावों व सहयोग से बड़े शहरों में इलाज की राह आसान बनानी चली आ रही विओम ने अब तक बड़े बड़े ऑपरेशन व बीमारियों का सफल इलाज करवाकर क्षेत्रीय लोगो के परिजनों के चेहरों पर मुस्कान बिखेरी है। नई बस्ती से 2013 में विओम मेडिकल स्टोर से सृजित विओम फाउंडेशन का सेवाकार्य 10 वर्षों से बदस्तूर जारी है। लखीमपुर, सीतापुर जिले के मरीजों को लखनऊ, दिल्ली, नोएडा आदि बड़े शहरों में अपने नेटवर्क से सफल व सस्ता इलाज करवाने के साथ साथ इसके सेवी गाइड भी करते हैं। दिल का इलाज दिल्ली करवाने पहुंचे श्री वी के जब एम्स पहुंचे तो वहां की दशा देखकर हिम्मत हारने लगे। अजनबी शहर और अस्पताल की भीड़, के बावजूद हिम्मत करके जब ऑपरेशन के लिए काउंटर पर पहुंचे तो पता चला ऑपरेशन वाली लाइन में भी लंबी कतार है और नम्बर 2026 के बाद आएगा, जितना इंतजार सम्भवतः उनका शरीर भी नही दे रहा था। इस दशा की जानकारी विओम फाउंडेशन के सेवी विवेक श्रीवास्तव को हुई और फौरी तौर पर सक्रिय हुए श्री विवेक ने अपने नेटवर्क से इलाज की राह आसान बनाने और श्री वीके को सेफ जोन में लाने की ठानी। उधर क्षेत्रीय सांसद व केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के संज्ञान में आते ही मंत्री ने तत्काल पत्र लिखकर एम्स प्रशासन को निर्देशित किया कि अविलंब हार्ट सर्जरी कर मरीज को स्वस्थ्य किया जाय। केंद्रीय मंत्री श्री टेनी के पत्र का असर हुआ और सर्जरी डेट मिली। अब बारी थी सर्जरी में आवश्यक रक्त की। विओम नेटवर्क ने राष्ट्रीय राजधानी में रक्त की व्यवस्था कर निर्विध्न सर्जरी को हरी झंडी दिखा दी। हालांकि वाल्व सर्जरी के बाद पेशमेकर की भी नौबत आई और जिजीविषा के धनी श्री वीके ने एम्स की शैय्या से कड़ा संघर्ष भी किया लेकिन अंततः वह इस लड़ाई में विजयी होकर अपने जनपद लौटे। महीनों चली इस लड़ाई में साथ देने के लिए अपने यशश्वी सांसद, केंद्रीय मंत्री, विओम फाउंडेशन नेटवर्क के साथ वह रीवर डॉक्टर के नाम से प्रसिद्ध डॉ विवेक दीक्षित के प्रति भी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। इसके अलावा इस सफलता में इन सबके सूत्रधार विओम के श्री विवेक श्रीवास्तव को विशेष धन्यवाद देते हैं।

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