एक अनुदेशक की कलम से उसकी व्यथा सुनिए

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एक अनुदेशक की कलम से उसकी व्यथा सुनिए

2017 में माननीय मोदी जी ने यूपी के अनुदेशकों का मानदेय 8470 से 17000 किया लेकिन जब 1 साल तक योगी सरकार ने मानदेय नहीं बढ़ाया तब अनुदेशक लखनऊ पहुंचे जहां बढ़ा हुआ वेतन मांगने पर हमें लाठियों से पीटा गया। इसके बाद योगी सरकार ने हमारा मानदेय घटाकर 8470 से 7000 किया, और जो बढ़ा हुआ मानदेय हमने लिया योगी जी ने उसकी रिकवरी भी हमसे की, इसके बाद हम अनुदेशक हाईकोर्ट पहुंचे वहां जीते लेकिन सरकार डबल बेंच चली गई फिर दिसंबर 2022 में भी अनुदेशकों के पक्ष में फैसला आया, आप लोगों को शायद पता न हो वर्तमान में योगी सरकार हम गरीब अनुदेशकों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में लड़ रही है। 27555 अनुदेशक जिनमे 70 फीसदी महिलाएं है, उन्होंने सरकार का क्या बिगाड़ा है कि 10 साल के बाद भी हमारा इतना शोषण हो रहा है?


@BJP4UP ……क्या हुआ तेरा वादा, वो कसम वो इरादा?

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