लखीमपुर  नगर पालिका परिषद की ओर से कराए, अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में नगर के समाजसेवी सृजनकार संचालक

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लखीमपुर  नगर पालिका परिषद की ओर से कराए, अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में नगर के समाजसेवी सृजनकार संचालक

मनोज कुमार वर्मा

लखीमपुर (संज्ञान न्यूज़)।राम मोहन गुप्त के काव्य संग्रह ‘स्वप्न हुए साकार’ का लोकार्पण संपन्न हुआ। इस दौरान मुख्य अतिथि गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टैनी ने कवि सम्मेलन में आए कवि यो के बारे में कहा कि वे देश के सच्चे पथ प्रदर्शक हैं। 


मेला ग्राउंड के सांस्कृतिक मंच पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन के दौरान मुख्य अतिथि अजय मिश्र ‘टेनी’ गृह राज्यमंत्री भारत सरकार, विशिष्ट अतिथि सदर विधायक योगेश वर्मा, अध्यक्ष नगर पालिका डा.इरा श्रीवास्तव व ईओ संजय कुमार ने सुविख्यात कवियों को भी सम्मानित किया।




इसके बाद शुरू हुए अखिल भारतीय कवि सम्मेलन की शुरुआत वाणी वंदना से की गई शहर के सुप्रसिद्ध कवि अनिल शुक्ला अमल के संयोजन में हुए इस कवि सम्मेलन में, आगरा से आए देश के सुप्रसिद्ध कवि रामेन्द्र मोहन त्रिपाठी ने जब पढ़ा


कृष्ण आराधिका हो गई
राधिका साधिका हो गई,
होंठ से छू गई बांसुरी,
 बांसुरी गायिका हो गई। तो पंडाल में बैठे लोग झूम उठे, अलीगढ़ से आए विष्णु सक्सेना ने पढ़ा
तन और मन है पास बहुत पर सोच सोच में क्यों दूरी है, हम बदले तो कहा बेवफा वह बदले तो मजबूरी है।
प्रियांशु गजेंद्र की पंक्तियां लोगों ने बहुत सराहीं
जीवन कई रंगों में रंगा रंगों के व्यापार में, रात-रात भर तुमको गाया सुबह छपे अखबार में।
इटावा से आए डा.कमलेश शर्मा ने कलम की बात की,
जतन से सवारी कलम बोलती है,
 कि बनकर दुधारी कलम बोलती है,
जहां लोग अन्याय पर मौन रहते,
वहां पर हमारी कलम बोलती है।


छतरपुर मध्य प्रदेश से आए अभिराम पाठक ने,भारत माता के जवानों की बात की,
भारत माता के बेटे जब सीमाओं पर जाते हैं,
ममता के आंचल से चलकर मां का कर्ज चुकाते हैं, कर्ज फर्ज के धर्म युद्ध में कुछ बेटे खो जाते हैं,
 सरहद की रक्षा करने में वे सरहद पर सो जाते हैं।




मध्य प्रदेश के जबलपुर से आईं मणिका दुबे ने श्रृंगार के गीत से लोगों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया।
हाल दिल का छुपाना नहीं आएगा,

कौन तुमसा तराना नहीं गाएगा,
आज मुस्कान की तुमने तारीफ की,
अब मेरा मुस्कुराना नहीं जाएगा।

खनऊ की शशि श्रेया ने अपनी पंक्तियां कुछ इस अंदाज में प्रस्तुत की
फरतों ने तो यहां सरहदें उठाई हैं,
 प्रेम ही आदमी को आदमी बनाता है।

शहर से पूरे देश में अपनी ओजस्वी कविता से पहचान बनाने वाले कवि सम्मेलन के संयोजक अनिल शुक्ला अमल ने पढ़ा
बड़े-बड़े देश भी न कर पाए कारनामा, ऐसा ही अचूक तीर मार दिया हमने। 
छू न पाया चांद का जो भाग कोई आज तक, 
चंद्रयान उसी पे उतार दिया हमने।
बाराबंकी के विकास बौखल ने जब पढ़ा कि
किसी खंजर से न तलवार से जोड़ा जाए,
सारी दुनिया को चलो प्यार से जोड़ा जाए।

मध्य प्रदेश से आए शंभू शिखर ने प्रधानमंत्री मोदी के 15 लाख पर पढ़ा
जब तक नहीं आते हैं 15 लाख खाते में, 
तब तक तुम्हें मोदी जी हम जिताते रहेंगे।
इसके अलावा सर्वेश अस्थाना महेश प्रताप श्रीवास्तव ने भी काव्य पाठ किया रात करीब 3:30 बजे तक चले इस कवि सम्मेलन में श्रोता मंत्र मुक्त बैठे रहे।

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