लखीमपुर में कव्वालियों का धमाल: “सारे रसूलों से जुदा रुतबा मेरे सरकार का”
रिपोर्ट :- स्पर्श सिन्हा
लखीमपुर: दशहरा मेले के सांस्कृतिक मंच पर रविवार रात आयोजित कव्वालियों का कार्यक्रम श्रोताओं के दिलों पर गहरी छाप छोड़ गया। शाहजहांपुर के साबिर चिश्ती और बरेली की जेबा रानी की टीम ने एक-दूसरे को जवाब देते हुए ऐसी कव्वालियां पेश कीं कि पूरा पंडाल तालियों से गूंज उठा।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ, जिसके बाद साबिर चिश्ती ने अपने काव्य से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने नातिया कलाम “सारे रसूलों से जुदा रुतबा मेरे सरकार का” पढ़कर पूरे पंडाल में “सुभान अल्लाह” की गूंज उत्पन्न की। साबिर चिश्ती की मन्क़बत, जिसमें उन्होंने ख्वाजा के दरबार की महिमा का वर्णन किया, ने भी सभी को भावुक कर दिया।
इसके बाद, बरेली की जेबा रानी ने “क्या खाक मजा आए आए हैं मुझे जीने में” सुनाकर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम में अन्य प्रमुख कव्वालियां भी पेश की गईं, जिनमें “ख्वाजा पिया हिन्दलवलिया मेरी झोली खाली” जैसी रचनाएं शामिल थीं। जेबा रानी की वतन परस्ती की कव्वाली ने श्रोताओं के दिलों में देशभक्ति का जज्बा जगाया।
कार्यक्रम का संचालन राममोहन गुप्ता ने किया, जबकि मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री हाजी आर. ए. उस्मानी रहे। वहीं विशिष्ट अतिथि अशद रसीद, शबनम परवीन उस्मानी, अब्दुल मन्नान और अंजुम आरा, सभासद दीपक रस्तोगी, बजरंग शर्मा सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इस अद्भुत सांस्कृतिक कार्यक्रम में तालियों की गड़गड़ाहट और “सुभान अल्लाह” के नारे गूंजते रहे, जिससे यह शाम एक यादगार बन गई।
कव्वालियों का यह शानदार कार्यक्रम सुबह तक चला, जिसमें श्रोताओं ने जमकर आनंद लिया।